ताल मृदंग बजायके, सब नाचो गाओ रे
ताल मृदंग बजायके, सब नाचो गाओ रे तर्ज—चूनरिया शिवधाम की….. ताल मृदंग बजायके, सब नाचो गाओ रे, शांतीनाथ प्रभू गुण गाओ। शांतीनाथ प्रभू गुण गाओ, हस्तिनापुर को शीश झुकाओ।। ताल मृदंग…।।टेक.।। प्रथम जिनेश्वर ऋषभदेव ने, यहीं प्रथम आहार लिया। नृप श्रेयांस ने नवधाभक्ति से, इक्षूरस आहार दिया।। उनकी गाथा याद कर, सब नाचो…