14. पश्चिमधातकीखंडस्थ धातकीवृक्ष शाल्मलीवृक्ष जिनालय पूजा
पूजा नं.-13 पश्चिमधातकीखंडस्थ धातकीवृक्ष शाल्मलीवृक्ष जिनालय पूजा अथ स्थापना-हरिगीतिका छंद (चाल-सम्मेदगढ़ गिरिनार) वरद्वीप धातकि में अपरदिश, बीच सुरगिरि अचल है। ताके विदिश ईशान में, शुभ धातकी द्रुम अतुल है।। सुरगिरी के नैऋत्य शाश्वत, शाल्मली द्रुम सोहना। द्वय वृक्ष शाखा पर जिनालय, पूजहूँ मन मोहना।।१।। ॐ ह्रीं पश्चिमधातकीखंडसंबंधिधातकीशाल्मलीद्वयवृक्षस्थितजिनालयजिन-बिम्बसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पश्चिमधातकीखंडसंबंधिधातकीशाल्मलीद्वयवृक्षस्थितजिनालयजिन-बिम्बसमूह!…