क्षमागुण को मन में धर लो, क्षमा को वाणी में धर लो!
क्षमागुण को मन में धर तर्ज—तीरथ कर लो पुण्य कमा लो…… क्षमावणी पर्व क्षमागुण को मन में धर लो, क्षमा को वाणी में धर लो। शत्रु मित्र सबमें समता का भार हृदय धर लो।। क्षमा गुण को मन में धर लो।। टेक.।। मैत्री का हो भाव सभी प्राणी के प्रति मेरा, गुणीजनों को देख…