तीर्थयात्रा का पुण्य विशाल है!
तीरथयात्रा का पुण्य विशाल तर्ज-जरा सामने तो………………………………… तीरथयात्रा का पुण्य विशाल है, इसकी दूजी न कोई मिशाल है। …
तीरथयात्रा का पुण्य विशाल तर्ज-जरा सामने तो………………………………… तीरथयात्रा का पुण्य विशाल है, इसकी दूजी न कोई मिशाल है। …
प्रभु! मेरा मन कब तर्ज—जंगल के काटों पे………………………….. प्रभु! मेरा मन कब पावन होगा, पाप रहित कब यह मन होगा। गुरु वाणी को सुनकर तन मन पावन होगा।।प्रभु! मेरा.।। टेक.।। …
प्रभू की पूजन करना तर्ज—कभी कुण्डलपुर जाना है……………………………………. प्रभू की पूजन करना है, प्रभू की भक्ति करना है, …
इक बार की बात सुनो भाई इक बार की बात सुनो भाई, इक बच्चा माँ के संग चला। …
अहिंसा प्रधान मेरी तर्ज—काली तेरी चोटी………………………………… अहिंसा प्रधान मेरी इण्डिया महान है। …
अन्धकार के मौन अन्धकार के मौन क्षणों में, चलो सृजन के दीप जलाएँ। …
कल्पद्रुम पूजा महा तर्ज-फूलों सा चेहरा तेरा…………………………………………. कल्पद्रुम पूजा महा, कलियुग में वरदान है, कार्य की सिद्धि हो, …
करो रे अभिषेक प्रभू का तर्ज – अरे रे मेरी…………. करो रे अभिषेक प्रभू का,पुष्पदंतेश प्रभू का, जयरामा माता के लाल का।।करो रे.।। काकंदी जी तीर्थ में प्रभू विराजमान, यही नगरी है इनका जनमस्थान। पुष्पदंत प्रभु को है मेरा प्रणाम, इनका नाम जपने से बनते हैं काम।।करो रे.।।टेक.।। नवमें तीर्थंकर पुष्पदंतनाथ हैं, शुक्रग्रह…
पुष्पदंत प्रभु जन्मभूमि में तर्ज-माई रे माई………. पुष्पदंत प्रभु जन्मभूमि में, गूँज उठी शहनाई। सौ-सौ वर्षों बाद जहाँ, खुशियों की बेला आई।। जिनवर पुष्पदंत की जय, उनकी जन्मभूमि की जय.।।टेक.।। काकंदी वह पुण्यभूमि है, पुष्पदंत जहाँ जनमे। जयरामा सुग्रीव मात-पितु हर्षे थे निज मन में।। इन्द्रों की टोली स्वर्गों से,काकंदी में…
आओ रे आओ खुशियाँ तर्ज-माई रे माई………………………………………. आओ रे आओ खुशियाँ मनाओ, वीर जयंती आई। …