22. अचलमेरु पूजा
पूजा नं.-22 अचलमेरु पूजा अथ स्थापना-गीता छंद श्री अचलमेरु राजता है, अपर धातकि द्वीप में। सोलह जिनालय तास में, जिनबिंब है उन बीच में।। प्रत्यक्ष दर्शन हो नहीं, अतएव पूजूँ मैं यहाँ। आह्वानन विधि करके प्रभो, थापूँ तुम्हें आवो यहाँ।।।१।। ॐ ह्रीं पश्चिमधातकीखंडद्वीपस्थअचलमेरुसंबंधिषोडशजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पश्चिमधातकीखंडद्वीपस्थअचलमेरुसंबंधिषोडशजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ…