10. यज्ज्ञानान्तर्गतं भूत्वा (ज्ञान के भेद)
मङ्गलाचरण (अध्याय १) ‘‘यज्ज्ञानान्तर्गतं भूत्वा’’ (ज्ञान के भेद)! अमृतर्विषणी टीका— ज्ञान के भेदज्ञान के पांच भेद हैं- मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मन:पर्ययज्ञान और केवलज्ञान। (१) मतिज्ञान— मतिज्ञान के चार भेद हैं- अवग्रह, ईहा, अवाय और धारणा। अवग्रह- इन्द्रिय और पदार्थ का संबंध होते ही जो सामान्य ग्रहण होता है उसे दर्शन कहते हैं। दर्शन के अनन्तर…