02. श्री आदिनाथ पूजा
पूजा नं.-2 श्री आदिनाथ पूजा स्थापना-गीता छंद हे आदिब्रह्मा! युगपुरुष! पुरुदेव! युगस्रष्टा तुम्हीं। युग आदि में इस कर्मभूमी, के प्रभो! कर्ता तुम्हीं।। तुम ही प्रजापतिनाथ! मुक्ती, के विधाता हो तुम्हीं। मैं आपका आह्वान करता, नाथ! अब तिष्ठो यहीं।।१।। ॐ ह्रीं श्री आदिनाथ जिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्री आदिनाथ जिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ…