शुक्रग्रहारिष्टनिवारक श्री पुष्पदंतनाथ चालीसा
शुक्रग्रहारिष्टनिवारक श्री पुष्पदंतनाथ चालीसा दोहा पुष्पदंत भगवान हैं , नवमें श्री जिनराज | भक्तिभाव से में नमूँ, आत्मिक सम्पति काज ||१|| चालीसा उनका कहूँ , मेटें सर्व अरिष्ट | रोग,शोक,सब दूर हों ,तुम ही प्रभु मम इष्ट ||२|| चौपाई जय जय पुष्पदंत सुखदाता ,भविजन को सदबुद्धि प्रदाता ||१|| त्रैलोक्याधिपती कहलाए , सुर नर मुनिजन तुमको...