01. णमोकार महामंत्र पूजा
पूजा नं.-1 णमोकार महामंत्र पूजा स्थापना गीताछंद अनुपम अनादि अनंत है, यह मंत्रराज महान है। सब मंगलों में प्रथम मंगल, करत अघ की हान है।। अर्हंत सिद्धाचार्य पाठक, साधुओं की वंदना। इस शब्दमय परब्रह्म को, थापूँ करूँ नित अर्चना।। ॐ ह्रीं अनादिनिधनपंचनमस्कारमंत्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं अनादिनिधनपंचनमस्कारमंत्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः…