प्रवचन-निर्देशिका
प्रवचन-निर्देशिका 1.प्रवचन-निर्देशिका 2.सम्यग्दर्शन के कारण 3. सम्यग्दर्शन 4. व्यवहारनय-निश्चय 5. निमित्त-उपादान 6. चारों अनुयोगों की सार्थकता 7. पंचमकाल में मुनियों का अस्तित्व 8 . ग्रंथों के अध्ययन-अध्यापन की शैली 9 . ध्यान की आवश्यकता ***