सामिप्य!
सामिप्य – Samipya. Proximity, Vicinity. समीप होने का भाव, निकटता, तुल्य जातियों के बीच में दुसरे पदार्थे का न आना सामीप्य है।
सामिप्य – Samipya. Proximity, Vicinity. समीप होने का भाव, निकटता, तुल्य जातियों के बीच में दुसरे पदार्थे का न आना सामीप्य है।
सामायिक – Samayika. Attitude of equanimity.समता भाव रखना सामायिक है अथवा सर्व सावद्य योग से निवृत होना वामायिक है।
मिथ्यात्व– Mithyatva. Perversity, wrong faith, contrary reverence. अज्ञानता” जीवादी पदार्थोँ के विषय में विपरीत श्रद्दान”
मिथ्या नय–Mithya Nay. False viewism, false standpoint. निरपेक्ष या मिथ्या एकांत का कथन करने वाले नय”
माहेन्द्र (देव)– Mahendra (Dev). The deities residing in the 4th heaven. चौथे स्वर्ग मै रहने वाले देव जिनकी उचाई 6 हाथ एवं आयु 7 सागर की होती है”
मालिनी– Maalini. Name of a female divinity of Manibhadra deity. मणिभद्र नामक व्यंतर इंद्र की देवी का नाम”
मोक्ष बन्ध हेतुओं के अभाव और निर्जरा से सब कर्मो का आत्यन्तिक क्षय होना ही मोक्ष है। जब आत्मा कर्ममल (अष्टकर्म) कलंक (राग,द्वेष, मोह) और शरीर का अपने से सर्वथा जुदा कर देता है तब उसके जो अचिन्तय स्वभाविक ज्ञानादि गुणरूप और अव्याबाध सुखरूप सर्वथा विलक्षणस अवस्था उत्पन्न होती है उसे मोक्ष कहते है।
मित्रनंदी– Mitranandi. Name of the preceptor of Acharya Shivkoti, the writer of ‘Bhagvati Aradhna’. भगवती आराधना के कर्ता शिवकोटि आचार्य के गुरु”
साम्राज्य क्रिया -Samrajya Kriya. An auspicious activity, right sovereignty. 53 क्रियाओं में47 वीं क्रिया- शिष्टो का पालन व दुष्टों का निग्रह करने का तथा प्रेम व न्याय पूर्वक राज्य करने का उपदेष अपने आधीन राजाओं को देकर सुख पूर्वक राज्य करना। कत्रीन्वयादि 7 क्रियाओं में 5 वीं क्रिया -चक्रवर्ती का वैभव व राज्य की प्राप्ति…