02.68 पूजा नं.-68 पश्चिमपुष्करार्ध तीर्थंकर पूजा
पूजा नं.-68 पश्चिमपुष्करार्ध तीर्थंकर पूजा अथ स्थापन-गीता छंद वर अपर पुष्कर द्वीप में जो पूर्व अपर विदेह हैं। उनमें जिनेश्वर विहरते भविजन धरें मन नेह हैं।। उन चार तीर्थंकर जिनेश्वर की करूँ इत थापना। पूजूँ अतुल भक्ती लिये पाऊँ अचल पद आपना।।१।। ॐ ह्रीं पश्चिमपुष्करार्धद्वीपसंबंधिपूर्वापरविदेहक्षेत्रस्थविहरमाणश्री वीरसेनमहाभद्र-देवयशोऽजितवीर्यनामाचतुस्तीर्थंकर समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पश्चिमपुष्करार्धद्वीपसंबंधिपूर्वापरविदेहक्षेत्रस्थविहरमाणश्री वीरसेनमहाभद्र-देवयशोऽजितवीर्यनामाचतुस्तीर्थंकर…