05.1 ज्योतिष मंत्र—यंत्र आदि का संक्षिप्त इतिहास
ज्योतिष मंत्र—यंत्र आदि का संक्षिप्त इतिहास वीतरागता, सर्वज्ञता और हितोपदेशिता आदि गुणों से अलंकृत जिनेन्द्र भगवान के मुखारबिन्द से निर्गत एवं गणधर देव द्वारा गुम्फित द्वादशांगगत सूर्य प्रज्ञप्ति, चन्द्र प्रज्ञप्ति में तथा त्रिलोकसार आदि ग्रंथों में सूर्य, चन्द्र एवं राहु आदि ग्रहों का सांगोपांग वर्णन किया गया है तथा कल्याणवाद पूर्व में सूर्य, चन्द्र, ग्रह,…