श्री पार्श्व प्रभु निर्वाण दिवस!
श्री पार्श्व प्रभु निर्वाण दिवस दोहा मोक्ष सप्तमी शुभ दिवस, खुला मोक्ष का द्वार, शिखर सम्मेद के कूट से, पार्श्व हुये भव पार। पार्श्व हुये भव पार, अलोकित ज्ञान मणी से, अष्ट गुणों से युक्त, मिले जा शिवरमणी से। रत्नत्रय की ज्योति, बराती दश वृष संग थे, बारह भावन भगिनि, भ्रात सोलह कारण थे।…