05.1 कृतिकर्मपूर्वक सामायिक विधि
कृतिकर्मपूर्वक सामायिक विधि जैन साधुओं की त्रिकालदेववन्दना ही त्रिकाल सामायिक है। यह देववन्दना कृतिकर्म विधिपूर्वक की जाती है। कृतिकर्म क्या है ? देववन्दना की विधि क्या है ? देववन्दना का समय क्या है ? और किन-किन ग्रंथों में इसका कथन है ? इन्हीं विषयों का वर्णन यहाँ षट्खण्डागम, कसायपाहुड़, मूलाचार, आचारसार, गोम्मटसार, चारित्रसार, अनगारधर्मामृत आदि…