मांसाहार नैतिक व आध्यात्मिक पतन का कारण
मांसाहार नैतिक व आध्यात्मिक पतन का कारण मनुष्य की भावना ही उसके कर्मो को प्रकाशित करती है । जिसमें अहिंसा दया परोपकार आदि की भावना है वह ऐसा कोई कर्म करना या कराना नहीं चाहेगा जिससे किसी अन्य प्राणी को पीड़ा पहुंचे । जो किसी प्राणी को कष्ट में देख कर द्रवित हो जाता है…