तीर्थंकरत्रय चालीसा
तीर्थंकरत्रय चालीसा दोहा शांति-कुंथु-अरहनाथ को, नमन करूँ शतबार। हस्तिनागपुर में हुए, तीनों के अवतार।।१।। गर्भ जन्म तप ज्ञान ये, चार-चार कल्याण। तीनों जिनवर के हुए, हस्तिनापुर में महान।।२।। एक साथ इन तीन का, चालीसा सुखकार। पढ़कर के त्रय पद लहूँ, पाऊँ शिव का द्वार।।३।। चौपाई जय हो शांतिनाथ जिनवर जी, सोलहवें तीर्थंकर प्रभु जी।।१।। पंचम...