दुःखमा काल!
दुःखमा काल See – Du¼amå Kåla. देखें – दुषमा काल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दीक्षा Initiation, Consecration for a religious ceremony, an act of undertaking religious observances. वैराग्य की उत्तम भूमिका को प्राप्त होकर अपने सब सगे संबधियों से क्षमा मांगकर गुरू की शरण में जाकर संपूर्ण परिग्रह का त्याग कर देना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दिव्यपाद Name of 23rd predestined Tirthankar (Jaina-Lord). जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र में स्थित 23 वें भाविकालीन तीर्थंकर का नाम (हरिवंशपुराण के आधार पर ) दूसरे ग्रंथों में इनका नाम देवपाल है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविता – Bhavita. Name of a Ganini Aryika in the assembly of Lord Kunthunath. कुन्थुनाथ भगवान के समवशरण की मुख्य आर्यिका (गणिनी) का नाम “
दामनंदि Disciple of Sarvachandra and spiritual teacher of Veernandi. ई. 943-973 में सर्वचन्द्र के शिष्य और वीरनन्दि के गुरू थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भृकुटी:scowl, a frowning look. तनी भौंह, क्रोध पूर्ण मुखाकृति ” जिन प्रतिमाओंकी भकुटीर हित मुखाकृति क्रोध केअभाव का सूचक होती है “
दशांग भोग 10 types of enjoyments related to food, sleeping etc. 10 प्रकार के भोग-भजन, भोजन, शयया, सेना,यान, आसन, निधि, रत्न, नगर और नाट्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भट्टाकलंक – Bhattaakalamka. See- Bhatta Akalamka. देखें – भट्ट अकलंक “
दर्शनाचरण Observance of all parts of right perception. सम्यग्दर्शन के 8 अंगों का पालन करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैराग्य भावना –VAiragya Bhavana Emotions of the aversion from worldly life. वैराग्य की कारणभूत भवनाये ” जगत, शरीर, भोग के स्वरूप का बारबार चिंतन करना “