उपशामक!
उपशामक Calming, Pacifying . जो जीव कर्मों के उपशामक करने में व्यापार करते हैं उन्हें उपशामक कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपशामक Calming, Pacifying . जो जीव कर्मों के उपशामक करने में व्यापार करते हैं उन्हें उपशामक कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर शरण –Lokottara Sharan The supreme resort ,the shelter of Panch Parmeshthis . पंच परमेष्ठी आदि लोकोत्तर शरण हैं “जिनकी शरण लेकर लोक अर्थात् संसार को पार किया जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विहायोगति (नामकर्म) –Vihayogati (Namakarma). A type of karmic nature causing spatial move-ment. नामकर्म की एक प्रकृति, जिसके उदय से जीव का आकाश में शुभ व अशुभ गमन हो “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभीषण – Vibhishana. The younger brother of Ravan, who ultimately initiated with Ram Chandra and became a heav-enly deity. रावण का छोटा भाई व रत्नश्रावा का पुत्र ” अंत में राम के साथ दीक्षित हुआ और अनुदिश विमान में देव हुआ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भंग विचय – Bhamga Vicaya. A type of disquisition door. एक अनुयोगद्वार; जो मार्गणाओं के विच्छेद और विच्छेद के अस्तित्त्व प्ररुपक है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपरिणामना – Viparinamana. Change or modification in state. सत् के द्वारा अवस्थान्तर की प्राप्ति होना ” यह प्रक्रति विपरिणामना, स्थितिविपरिणामना, अनुभाग- विपरिणामना, प्रदेशविपरिणामना ४ प्रकार की होती है “
दण्डकारणिक An administrator who can punish, A magistrate. दण्ड देने वाला अधिकारी । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धि ऋद्धि – Buddhi Riddhi Supernatural power of intellect. एक प्रकार की ऋद्धि जिसके १८ भेद हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सुख : == जं च कामसुहं लोए जं च दिव्वं महासुहं। वीतरागसुहस्सेदे णंतभागं पि णग्घई।। —मूलाचार : १४४ लोक में काम—भोगों से मिलने वाला सुख और देवों को मिलने वाला महासुख उस सुख का अनंतवाँ हिस्सा भी नहीं, जो वीतराग को प्राप्त हुआ करता है।