भाव अंतर!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अंतर – Bhava Anamta. To have knowledge of scriptures and involve- ment in it. अनन्त विषयक शास्त्र को जानना एंव वर्तमान में उसके उपयोग से उपयुक्त होना अथवा त्रिकाल जात अनंत पर्यायों से परिणत होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अंतर – Bhava Anamta. To have knowledge of scriptures and involve- ment in it. अनन्त विषयक शास्त्र को जानना एंव वर्तमान में उसके उपयोग से उपयुक्त होना अथवा त्रिकाल जात अनंत पर्यायों से परिणत होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीलांजना – Neelaanjanaa. A dancing-girl at the court of Indra who caused worldly aversion to Rishabhdev. इन्द्र की अप्सरा; तीर्थंकर ऋषभदेव को वैराग्य उत्पन्न करने के लिए स्वर्ग से इन्द्रउ से लाया था “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सत्य : == अकिंहतस्स वि जह गहवइणो जगविस्सुदो तेजो। —भगवती आराधना : ३६१ अपने तेज का बखान नहीं करते हुए भी सूर्य का तेज स्वत: जगविश्रुत है। सच्चं जसस्स मूलं, सच्चं विस्सासकारणं परमं। सच्चं सग्गद्दारं सच्चं, सिद्धीइ सोपाणं।। —धर्मसंग्रह टीका : २-२६ सत्य यश का मूल कारण है।…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीचदेव – Neechadeva. A type of low deities. किल्विष आदि निम्न जाति के देव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवन (देव विमान) – Bhavana (Dev Vimana). Palace – a signifying figure seen by mother of Jaina Lord among 16 dreams. तीर्थकरों के गर्भ में आने पर माता द्वारा देखे गये १६ स्वप्नों में १४ वें स्वप्न का चिन्ह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिल्पकर्मार्य – Shipakarmaarya. A type of Aryas having professional job according to caste. सावद्य कर्मार्य के 6 भेदों में एक भेद; धोबी, नाई, लुहार, कुम्हार, सुनार आदि शिल्प कर्मार्य हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Beneficence to other, well- being of others. दूसरो का हित करना व चाहना।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथालब्ध–Yathalabdh. Whatever available (an adjective word). जो भी उपलब्ध हो (यह एक विशेषण रूप शब्द है जो व्यापार, ज्ञान आदि में जितना उपलब्ध हो उसमें संतोष करना रूप से घटित होता है” यह साधुओ के आहार संबंधी विषय में भी घटित होता है”)