हरिकेतु!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हरिकेतु – Hariketu Father’s name of Chakravarti (emperor) Harishen. 10 वे चक्रवर्ती हरिषेण के पिता, काम्पिल्य नगर का राजा।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हरिकेतु – Hariketu Father’s name of Chakravarti (emperor) Harishen. 10 वे चक्रवर्ती हरिषेण के पिता, काम्पिल्य नगर का राजा।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हतहत समुत्पत्तिक – Hatahata Samutpattika. The karmic places originated after the redestruction of relative destructed karmas. धाते हुए का पुनः धात किये जाने पर जिन सत्कर्म अर्थात् सत्ता मे विधमान कर्म की उत्पत्ति होती है उन्हे हतहत समुत्पत्तिक कहते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपीड़ा कथा:Talk,painful to others.पर को पीडा पहुॅचाने वाली कथा ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वेदज – Svedaja. Beings born by sweat. पसीने से उत्पन्न होने वाले सम्मूर्छन जीव।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक क्रिया – Svaabhaavika Kriyaa. Natural activities of matter. स्वतः अनादिसिद्व सत् द्रव्य मे परिणमनशीलता के कारण होने वाले दो क्रियाओ मे एक क्रिया। शुद्व या बंध रहित जीव व पुद्गल द्र्रव्य की किं्रया स्वाभाविक क्रिया है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैभाविक भाव –VaibhavikaBhava. Passionate feelings contrary to real nature of the soul. रागादि से उत्पन्न होने वाले विकारी भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साक्षात् प्रत्यक्ष हेतु – Sakshaat Pratyaksha Hetu. A direct cause causing immediate result as the evolution of knowledge with destruction if ignorance. प्रत्यक्ष हेतु के दो भेदो मे एक भेद। अज्ञान का विनाष ज्ञानरुपी दिवाकर की उत्पत्ति, देव मनुष्यादिको के द्वारा निरन्तर की जाने वाली विविध प्रकार की अभ्यर्थना और प्रत्येक समय होने वाली…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर मार्गणा – Saantara Maarganaa. Margana (investigation) with discontinuity or gaps. अंतर सहित मार्गणा। अर्थात् जिनमे अंतर-विच्छेद नही पड़ता उनको निरन्तर मार्गणा और जिनमे विच्छेद पड़ जाता है उनको सांतर मार्गणा कहते है। 14 मार्गणाओ मे 8 सान्तर मार्गणाऐं ै।