गति-अगति(गुण प्राप्ति)!
गति-अगति(गुण प्राप्ति) Possibility of virtues in different body forms (Gatis). किस गति से किस गति में उत्पन्न जींव कौन-कौन से गुण उत्पन्न करने योग्य हो सकता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गति-अगति(गुण प्राप्ति) Possibility of virtues in different body forms (Gatis). किस गति से किस गति में उत्पन्न जींव कौन-कौन से गुण उत्पन्न करने योग्य हो सकता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व पक्ष – Poorva Paksha. Prime facie view. वाद-विवाद के दौरान वादि के द्वारा प्रस्तुत किया गया प्रथम पक्ष “
खेटक Villages, one of glories of Baldev. गाँव, बलदेव के वैभवों में एक वैभव. ८००० खेटक बलदेव के आधीन होते हैं । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष क्षेत्र – Vishesha.Kshetra. A type of particular spacious region. केवल प्रदेश सामान्य क्षेत्र तथा यह वस्तु का प्रदेश रूप अंशमयी अर्थात् अमुक द्रव्य इतने प्रदेश वाला है, इत्यादि विशेष क्षेत्र कहलाता है “
ध्रुवसेन Name of a great Acharya, possessing knowledge of 11 Angas. भगवान महावीर स्वामी के पीछे हुए 11 अंगों के ज्ञाता 5 आचार्यों में चैथे आचार्य, अपरनाम द्रुमसेन। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संबोधि : == खचरामरमनुज—करांजलि—मालाभिश्च संस्तुता विपुला। चक्रधरराजलक्ष्मी:, लभ्यते बोधि: न भव्यनुता।। —समणसुत्त : २०४ (इसमें संदेह नहीं कि) शुभ भावों से विद्याधरों, देवों तथा मनुष्यों की करांजलिबद्ध स्तुतियों से स्तुत्य चक्रवर्ती सम्राट् की विपुल राज्यलक्ष्मी (तक) उपलब्ध हो सकती है, किन्तु भव्य जीवों द्वारा आदरणीय सम्यक्—सम्बोधि प्राप्त नहीं…
ध्यानप्रवाह Course of meditation. संपूर्ण ध्यान की स्थिति। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गुणश्रेणी निक्षेपण multiple progression injection. द्वितीयादि समयों में असंख्यात गुना द्रव्य अपकर्षण कर उदयावाली एवं गुण श्रेणी आयाम में निक्षेपण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आनपान Breathing air, Respiration. श्वास में नीचे ऊपर वायु का आना जाना या श्वासोच्छ्वास।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धृतिषेण Name of a great Acharya possessing knowledge of 11 Angas & 10 Purvas. भद्रबाहु प्रथम (श्रुतकेवली) के पश्चात् हुए 11 अंग व 10 पूर्वधारी सातवें आचार्य (ई. पू. 263-245)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]