भद्र प्रक्रति!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्र प्रक्रति – Bhadra Prakrti. Gentle disposition. भला या सज्जन स्वभाव होना ” सरल स्वभावी “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्र प्रक्रति – Bhadra Prakrti. Gentle disposition. भला या सज्जन स्वभाव होना ” सरल स्वभावी “
त्रस नामकर्म प्रकृति Mobile physique making karmic nature . जिस कर्म के उदय से त्रस काय में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यवन–Yavan. Name of a country of Bharat Kshetra northern Arya Khand (region). भरतक्षेत्र उत्तर आर्यखंड का एक देश”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोआगम द्रव्य – Noaagama Dravya. The body instolledin particular realm of mind besides other. किसी पदार्थ के ज्ञाता का शरीर जो उस पदार्थ के ज्ञान में प्रयुक्त होता है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृषा योग–Mrasha Yoga. False state of mental or vocal activities. असत्य मनोयोग एवं वचनयोग”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैमित्तिक क्रिया – Naimittika Kriyaa. Different ritual activities concernning to different occasions. कृति कर्म; अष्टान्हिका, अष्टमी, चर्तुदशी आदि विशेष पर्वों की क्रिया”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोह– Moha. Delusion, Attachment. सांसारिक वस्तुओ में ममत्व या मूर्छा भाव”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रधर –Vajradhara. Name of the 11th Tirthankar(Jain-Lord) of Videh region. विदेह क्षेत्र में स्थित 20 तीर्थंकरों में 11वें तीर्थंकर ” चिन्ह शंख , पिता पद्यरथ एवं माता का नाम सरस्वती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिनंदि – Neminandi. A Bahttarak (learned person) of Nandi group. नन्दिसंघ बलात्कार गण की ग्वालियर गद्दी के एक भट्टरक (वि. 1223) “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विध्यात संक्रमण – Vidhyata Sankramana. A type of transition (reg. soul with low purity). संक्रमण के ५ भेदों में एक भेद; मंद विशुध्दता वाले जीव की स्थिति – अनुभाग को घटाने रूप भूतकालीन स्थितिकाण्डक – अनुभागकाण्डक तथा गुणश्रेणी आदि परिणामों में प्रव्रत्ति होना “