स्वभाव पुद््गल!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव पुद््गल – Svabhaava Pudgala. A pure particle of a Pudgal. पुद्गल द्रव्य के दो भेदो मे एक भेद। पुद्गल का एक शुद्व परमाणु स्वभाव पुद्गल और स्कंथ विभाव पुद्गल कहलाते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव पुद््गल – Svabhaava Pudgala. A pure particle of a Pudgal. पुद्गल द्रव्य के दो भेदो मे एक भेद। पुद्गल का एक शुद्व परमाणु स्वभाव पुद्गल और स्कंथ विभाव पुद्गल कहलाते है।
तमिस्रा A leaf of a particular tree ‘Tamal’. अंधेरी रात, विजयार्ध पर्वत की गुफा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोहज भाव–Mohaj Bhav. Disposition caused by delusion. मोह से उत्पन्न होने वाले औदयिक भाव”
तपविनय Paying reverence to one higher in austerity. तप करने में अपने से जो ऊंचा है उसमें भक्ति करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आधान क्रिया An auspicious worshipping to be observed before pregnancy. ऋतुमती स्त्री के चतुर्थ स्नान के पश्चात् गर्भाधान के पहले, अर्हन्त देव की पूजा के द्वारा मंत्र पूर्वक जो संस्कार किया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर तत्त्व – Svapara Tattva. Right element pertaining to the path of salvation.भेदोभेदात्मक अर्थात् निश्चय व्यवहार मोक्षमार्ग। आत्मनिष्ठता स्वतत्व (या निष्चय मोक्षमार्ग) तथा पर्याय प्रधान व्यवहार नय से सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र व्यवहार मोक्षमार्ग अर्थात् परतत्त्व है।
तन्त्रयुक्ति Administrative (Governing) policy. नियत्रण, प्रशासन करने की नीति।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जयवर्मा The son of the king Shrishen of Simhpurnagar of Gandhila (a country). गंधीला देश में सिंहपुरनर के राजा श्रीषेण का पुत्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्लेच्छ–Mlechha. Particular parts of earth according to Jain Philosophy, Non Aryan or uncivilized persons, uncultured. विजयार्ध पर्वत व गंगा, सिंधु नदियों के कारण भरत क्षेत्र के छेह खंड हो गए, इनमे से दक्षिण वाला मध्यखण्ड आर्यखंड है एवं any पाँच म्लेच्छ खंड कहलाते है, मनुष्य जाति का एक भेद; जो सदाचार, धर्म कर्म…
तदाभास To have same impression. उस जैसा अनुभव होना (आवश्यक नहीं कि वह सत्य हो) । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]