जयवंत!
जयवंत The writer of ‘Tattvarth Balbodh’. तत्त्वार्थ बालबोध के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जयवंत The writer of ‘Tattvarth Balbodh’. तत्त्वार्थ बालबोध के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्व-अहिंसा – Sra – Ahimsaa. Pure nature of soul.जीव का शुद्व स्वभाव की स्वअहिंसा है।
जयंत Name of an ‘Anuttar’ heaven, Name of a summit of Ruchak mountain, A door of Jambudvip (an island), Cities in the north & south of Vijayardh mountain, Name of a planet and a demigod. एक अनुत्तर स्वर्ग का नाम , रूचक पर्वत का एक कूट , जम्बूद्वीप की जगती का द्वार , विजयार्ध की…
जयवराह A king of Saurashtra. पश्र्चिम में सौराष्ट्र देश का राजा (ई. ७७८-८०३)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादस्ति नास्ति अवक्तव्य – Syaadasti Naasti Avaktavya. The 7th Bhang of saptbhangi-expostion of the nature of the substance in the aspects of affimation, negation & indescribability.सप्तभंगी मे 7वां। स्वद्रव्य, चतुष्टय (द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव) की अपेक्षा से द्रव्य कथंचित् अस्तिरुप है, परद्रव्य चतुष्टय की अपेक्षा से वही द्रव्य कथंचित् नास्तिरुप है और दोने की…
तत्ववती धारणा Auspicious conceptual meditation with contem-plation. पिंडस्थ ध्यान की एक धारणा जिसमें अपनी आत्मा को अतिशय युक्त, सिंहासन पर आरूढ,कल्याण की महिमा सहित देव, दानव धरणेन्द्रादि से पूजित है, ऐसा चिन्तन करना। तत्पश्चात अपने शरीर में प्राप्त आठों कर्मो से रहित निर्मनल पुरूषाकार आत्मा का चिंतवन करना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जटासिंहनन्दि Name of an Acharya, the writer of ‘Varanga Charitra’ वरांग चारित्र के रचयिता एक आचार्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याच्छुद्व – Syaacchuddha. Exposition of soul in the aspect of consiousness. केवलज्ञान अर्थात् स्वभाव प्राप्ति की अपेक्षा जीव का कथन।
उद्योत शुद्धि Careful act of walking (in day light). सूर्य के प्रकाश में जब साफ भूमि दिखने लगे तब मुनि 4 हाथ भूमि देखकर चलते हैं इसे ही उद्योतशुद्धि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जन्म Birth, Incarnation of soul. जीव के नवीन शरीर की उत्पत्ति होना जन्म कहलाता है . गर्भ , सम्मूर्छन उत्पाद के भेद से जन्म ३ प्रकार का होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]