नीचगोत्र कर्म प्रकृति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीचगोत्र कर्म प्रकृति – Neechagotra karmaprakriti. Karmic nature causing birth in low-caste group. वह कर्म प्रकृति जिसके उदय से गर्हित कुल में जन्म होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीचगोत्र कर्म प्रकृति – Neechagotra karmaprakriti. Karmic nature causing birth in low-caste group. वह कर्म प्रकृति जिसके उदय से गर्हित कुल में जन्म होता है “
उज्जवलित Made bright, Radiant, The 7th layer (Patal) of the 3rd hell. प्रकाशवान दीप्तिमान् तीसरे नरक का सातवाँ पटल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्ष्याभक्ष्य – Bhaksyabhaksya. Different types of edible (vegitable) and non- edible (non-vegitable) items. दाल, दूध, दही, फल आदि भक्ष्य अर्थात् खाने योग्य एंव मघ, मांस, मधु, उदुम्बर फल आदि अभक्ष्य अर्थात् ‘नहीं खाने योग्य’ पदार्थ “
उञ्छवृत्ति Livlihood by collecting the remaining food-grains from the field after harvesting. फसल कटने के बाद खेत से धान्य को बीनकर लाना एंव पकाकर खाना उञ्छवृत्ति कहलाती है। जीवंधर स्वामी की माँ रानी विजया ने 16 वर्ष तक तापसियों के आश्रम में रखकर उ॰छवृत्ति से जीवन यापन किया था ऐसी कथा का जीवंधर चंपू में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन गोचरातीत – Vachan Gocharaatita.: That which can not be expressed in words. जिसका वचन के द्वारा कथन न किया जा सके ” जैसे – अरिहंत भगवान के अनंत गुणों का वचनों के द्वारा वर्णन करना अशक्य हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्परिग्रह – Nishparigraha. Deprived of possession or attachement. संपूर्ण परिग्रह से रहित होना “
उज्जह दोष A fault of Samadhimarana (holy death). समाधिमरण कराने वाला निर्यापक साधु यदि अकेला हो और वह आहारादि को जावे जो समादिमरण करने वाले क्षपक साधु का मन विचलित हो जावे तो धर्म का अपयश हो ऐसा दोष उज्जह दोष है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वकुश –Vakush: Jain saints with attachments . चितकबरा ;जैसा सफेद पर काले धब्बे होते हैं वैसे ही मुनिगण जिनके निर्मल आचार (चारित्र ) में शरीर आदि का मोह धब्बे की तरह होता है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संशय : == जे किर किसीवलाई फलसंसईणो किसिं बिलंबंति। अविकलकारणभावे वि सस्सभागी न ते हुंति।। एवमणुट्ठाणमिणं फलसंसयगब्भिणं पकुव्वंता। दुक्करयं पि हु तप्फला विवज्जिया ते विसीयंति।। —कहारयणकोष : ६-७ जो लोग किसान हैं, वे फल में संशय रखते हुए यदि कृषि कर्म में विलम्ब करते हैं तो वे अविकल…
ईहा Keen desire, Curiosity, Speculation. अवग्रह के द्वारा जाने गये पदार्थ के विषय में विशेष जानने की इच्छा या जिज्ञासा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]