भाव सल्लेखना!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सल्लेखना – Bhava Sallekhana. Auspicious and holy death with destruction of passions. राग, द्वेष और मोह से रहित होकर मृत्यु को प्राप्त करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सल्लेखना – Bhava Sallekhana. Auspicious and holy death with destruction of passions. राग, द्वेष और मोह से रहित होकर मृत्यु को प्राप्त करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मस्वरुप – Suddhaatmasavroopa. The absolute form of soul, A synonym word for Mokshmarg (path of salvation). शुद्ध आत्मा का स्वरुप, मोक्ष मार्ग या निर्विकल्प समाधि का अपरनाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंत्रसामर्थ्य: Power of mystical words or verses. मंत्र की शक्ति “
द्वैधीभाव Dual nature as a virtue of king. राजा का एक गुण शत्रुओं में यथावश्यक संधि और विग्रह करा देना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयार्धगिरि – Vijayaardha Giri.: A great & beautiful silvery mountain in the middle of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र के मध्य स्थित एक रमणीक पर्वत ,यह 25 योजन ऊँचा ,50 योजन चौड़ा और सवा छः योजन गहरा चांदी के सामान है “जम्बूद्वीप में विदेह क्षेत्र सम्बन्धी 32 तथा भरत –ऐरावत क्षेत्र का एक – एक…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंजूषा : Main city of Manglavart country of east Videh region Box. पूर्व विदेह के मंगला व्रत देश की प्रधान नगरी, पेटी “
द्वींद्रिय जाति नामकर्म A Karmic nature causing birth in the form of two sensed beings. वह कर्म प्रकृति जिसमें द्वींद्रिय जाति प्राप्त हो जैसे- शंख, सीप इत्यादि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध पारिणामिक भाव – Shuddha Paarinaamika Bhaava. Eternal nature of a matter. अनादिकालीन पारिणामिक स्वभाव; उसका व्यय और उदय नहिन होता किन्तु वह स्थिर रहता है जिसे ध्रौव्य कहते है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगरस:A kannad poet who wrote ‘Nemi Jineshwar Sangati’ etc. books. नेमि जिनेश्वर संगति और सम्यक्त्व कौमुदी के रचियता एक कन्नड़ कवि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्षेपिणी कथा – Vikshepinii Kathaa.: Right religious speech which emphasizes on right principles. 4 धर्मकथाओं में एक धर्मकथा;ऐसी कथाओं से मिथ्यामतों का खंडन किया जाता है “