भ्रामरीवृत्ति!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भ्रामरीवृत्ति:See – Bhramarahara. देखें – भ्रमराहार “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भ्रामरीवृत्ति:See – Bhramarahara. देखें – भ्रमराहार “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कर्म-मुक्ति : == पक्के फलम्हि पडिए, जह ण फलं बज्झए पुणो विंटे। जीवस्स कम्मभावे, पडिए ण पुणोदयमुवेइ।। —समयसार : १६८ जिस प्रकार पका हुआ फल गिर जाने के बाद पुन: वृन्त से नहीं लग सकता, उसी प्रकार कर्म भी आत्मा से विमुक्त होने के बाद पुन: आत्मा (वीतराग) को…
गुणपरावर्तन Transmission from one Gunsthan (spiritual stage) to another. एक विवक्षित गुणस्थान से अविवाक्षित गुणस्थान रूप परावर्तन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोजकवृष्णि:Name of a king. मथुरा के स्वामी सुवीर के पुत्र तथा उग्रसेन के पिता “
गर्भाधान क्रिया Conception procedure, an auspicious act of householders. गर्भान्वय की ५५३ क्रियायों में पहली क्रिया. विशेष देखें-आदिपुराण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग निदान:Longing for all luxurious worldly pleasures. परलोक में भोग विलास की उत्तम सामग्री मिले ऐसी आकांक्षा करना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मुमुक्षु : == मिच्छत्तासवदारं रुंभइ सम्मत्तदिढकवाडेण। हिंसादिदुवाराणि वि, दिढवयफलिहेहिं रुंभति।। —जयधवला : १-१०-५५ मुमुक्षु जीव सम्यक्त्व रूपी दृढ़ कपाटों से मिथ्यात्व रूपी आस्रव द्वार को रोकता है तथा दृढ़ व्रत रूपी कपाटों से हिंसा आदि द्वारों को रोकता है।
गारव Pride, Arrogance. गर्व या बड़प्पन होना ;यह तीन प्रकार का है- ऋद्धि गारव , रस गारव , सात गारव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरलन राशि – Viralana Rashi. Spreaded numbers in the form of 1. जिस संख्या को एक-एक करके फैला दिया जायें ” जैसे ४ का विरलन होगा १,१,१,१, “
गिरिशिखर A city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्ध पर्वत की उत्तर दिशा का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]