गुरुपूजा!
गुरुपूजा Paying reverence to teachers. शुभोपयोग , धर्मानुरागपूर्वक गुरु की उपासना करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुरुपूजा Paying reverence to teachers. शुभोपयोग , धर्मानुरागपूर्वक गुरु की उपासना करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ग्रैवेयिक स्तूप A special structure of Samavasharan-holy assembly of Lord. ग्रैवेयिक विमान के आकार का समावशरण का स्तूप ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समता परिणाम – Samataa Parinaama. Harmonious or equnimous, temperaments. माघ्यस्थ भाव। अपने आत्मा मे तथा सर्व जीवो मे समभाव अर्थात् समता परिणाम होना।
दर्शन – ज्ञान-चारित्र Three jewels of Jainas (Right faith, Right knowledge & Right conduct ). रत्नत्रय सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यग्चारित्र इन तीनों गुणों को रत्नत्रय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चंद्रानन A Tirthankar (Jaina-Lord) of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र के विद्यमान २० तीर्थंकर में एक तीर्थंकर का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मद – Mada. Proud, Pride, Arrogance, Hautiness. घमंड , यहज्ञान , कुल , रूप आदि 8 भेदों वाला होता है “
उदयगुणश्रेणी आयाम Rising geometric progression length (reg. specific karmic aggregate). उदय रूप निषेको में गुणकार क्रम से आकर्षित द्रव्या दिया जाता है उन निषेकों की संख्याt प्रमाण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चंद्रप्रभु Name of the 8th Tirthankar (Jaina-Lord). ८वें तीर्थंकर ; इनका जन्म चन्द्रपूरी के इक्ष्वाकुवंशी राजा माहासें एवं रानी लक्षमणा के यहाँ हुआ था. इनकी १० लाख पूर्व की आयु एवं १५० धनुष (छह सौ हाथ) शरीर की ऊंचाई थी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिपुर चक्र – Manipura Chakra. Circular position of navel to be used for the installation of Mantras in meditation. नाभिचक्र; इसके ऊपर मन्त्रों को स्थापित कर ध्यान किया जाता हैं “