तदुभय वक्ताव्यता!
तदुभय वक्ताव्यता A type of statement or exposition. वक्ताव्यता के 3 भेदों में एक भेद स्वसमय , परसमय दोनों का निरूपण करके जहां पर समय को दोषमुक्त दिखलाकर स्वसमय की स्थापना की जाती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तदुभय वक्ताव्यता A type of statement or exposition. वक्ताव्यता के 3 भेदों में एक भेद स्वसमय , परसमय दोनों का निरूपण करके जहां पर समय को दोषमुक्त दिखलाकर स्वसमय की स्थापना की जाती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्तेंद्रिय निरोध A basic restraint of saints (controlling of senses). ,उमियों का एक मूलगुण : ५ इन्द्रियों तथा मन को वश में रखना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुंजाफल A traditional weighing unit. तौल का एक प्रमाण , २ धान्यमाण फल=१ गुन्जाफल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चारित्रमोह क्षपक The destroyer of conduct deluding Karmas. चारित्र की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पष्ट – Spasta. Clear, unambiguous, Obviousness.जिसके समझने या देखने मे कोई कठिनता न हो, व्यक्त।
तत्वार्थबोध A book written by Pandit Budhjana. पं. बुधजन (ई.श. 1814) द्वारा रचित तत्वार्थ विषयक एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छात्रचूड़ामणि A story on Jeevandhar Swami written by Vadibh-singh Odayadev. वादीभसिंह ओडयदेव (ई. ७७०-८९०) कृत जीवन्धर स्वामी का चरित्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्षन इन्द्रिय – Sparssana Indriya. The sense organ of touch.जिसके द्वारा स्पर्श किया जाता है उसे स्पर्शन इन्द्रिय कहते है।
गुरुमत Name of a doctrine established by Prabhakar Mishra. पूर्व मीमांसा का एक सम्प्रदाय , प्रभाकर मिश्र का एक मत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]