भावागार!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावागार – Bhavagara. Psychical attachment of something. चारित्र मोहनीय का उदय होने पर जो परिणाम घर से निवृत नहीं है वह भावागार कहा जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावागार – Bhavagara. Psychical attachment of something. चारित्र मोहनीय का उदय होने पर जो परिणाम घर से निवृत नहीं है वह भावागार कहा जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदेव – Sarvadeva. Name of the 28th Chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 28 वें गणधर ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मगंधा: Name of the chief female divinity of soudharma etc. indras सौधर्मादि इंद्रों की एक महत्तर देवी का नाम ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदना –Vedana Experiencing pain or trouble. दुख अथवा कष्ट की अनुभूति या अनुभव का नाम वेदना है “
छत्रसेन Name of a Bhattarak of Sen group and an another Acharya. सेन संघ के एक भट्टारक एवं अन्य आचार्य का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वगतत्त्व – Sarvagatatva. State of omnipresence, Pervasion. सर्वज्ञत्वपना ” सर्वव्यापी
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्त विष्कंभ –VrttaViskambha Diameter, width of a ring. वृत्त का व्यास “
चित्सुखी Name of a Vedant treatise written by वेदान्त स्दाहित्य प्रवर्तक चित्सुखाचार्य (ई.१२५०) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग संयम – Saraaga Sanyama. Self control with slight attachment (reg. Jaina-saints). सातावेदनीय कर्म एवं देवायु के आस्त्रव का एक कारणः राग सहित मुनियो का चारित्र। यह छठे से दसवें गुणस्थान तक होता है। इसे क्षायोपशमिक चारित्र कहते है। जहाॅ संज्वलन कषाय व नोकषाय का यथासंभव उदय होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदगतभंग : Differentiation of different feelings on different aspects according toer knowledge. Perception etc. क्षायोपशमिक आदि 5 भावों के ही भिन्न भिन्न ज्ञान दर्शनादि भाव केा ग्रहण कर भग करना ।