ईशित्व ऋद्धि!
ईशित्व ऋद्धि A miraculous power of supremacy. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को सारे जगत पर प्रभुत्व करने की शक्ति प्राप्त हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईशित्व ऋद्धि A miraculous power of supremacy. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को सारे जगत पर प्रभुत्व करने की शक्ति प्राप्त हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इभवाहन Elephant as a conveyance. हाथी रूप वाहन। सौधर्म इन्द्र ऐरावत हाथी पर बैठकर भगवान के कल्याणक में आते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आप्त Real spiritual authority, Omniscient. वीतरागी सर्वज्ञ और हितोपदेशी अर्हंत भगवान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवेदनी कथा – Sanvedanee Kathaa. Tale creating religious sentiments. पुण्य के फल का कथन करने वाली अर्थात् धर्मानुराग बढ़ाने वाली कथा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रघुनाथ – न्यायदर्षन में नव्यन्याय के प्रसिद्ध प्रणेता, श्रीरामचन्द्र जी का अपरनाम। Raghunatha-Name of a great judiciary founder, Another name of Shri Ram
इच्छापरिमाण Limitation of desires. परिग्रह परिमाण-इसमें स्वर्ण दास आदि बाह्य परिग्रह का परिमाण किया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आस्रव Influx, Inflow of karmas. सात तत्वों में तीसरा तत्व , कर्मों के आगमन को आस्रव कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपगताचूलिका – द्वादषांग श्रुतज्ञान के दृश्टिवाद अंग के 5 भेदो मे चूलिका कर एक उपभेद।जिसमें सिंह आदि आकृति धारण करने के मंत्र – तंत्र का वर्णन है। Rupagataculika-A type of scriptural knowledge (Shrutgyan) containing description of mystical theory
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यमनोयोग – Satyamanoyoga. Vibration in soul points for having right knowledge. मनोयोग के 4 भेदों में एक भेद ” यथार्थ पदार्थों के ज्ञान उत्पन्न करने की शक्ति के लिए भाव मन की चेष्टा रूप योग से आत्मप्रदेशों का सकम्प होना सत्य मनोयोग है “