भृंग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भृंग :A pitcher having a long neck and a spout. कलश, झारी।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृगशिरा–Mragshira. Name of a lunar. एक नक्षत्र; इसका अधिपति देवता सोम एवं आकार हिरण के सिर सामान है” भगवान्संभवनाथ का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मार्दव : == कुलरूवजादिबुद्धिसु, तवसुदसीलेसु गारवं किंचि। जो णवि कुव्वदि समणो, मद्दवधम्मं हवे तस्स।। —समणसुत्त : ८८ कुल, रूप, जाति, बुद्धि, तप, श्रुत और शील का जो श्रमण थोड़ा—सा भी गर्व नहीं करता, वह मार्दव धर्म से संपन्न हुआ करता है।
फालि द्रवय A part of Karmic aggregates. समुदाय रूप कर्म निषेकों का खण्ड। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रयंग नमस्कार A type of bowing, in which both hands are folded with joining them and head is bowed. नमस्कार का एक भेद दोनों हाथ और सिर से नमस्कार करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुबलिसागर – Bahubalisagara. Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Deshbhusha Maharaj. आचार्यश्री देशभूषण महाराज के एक प्रसिध्द शिष्य (ई.श.२०-२१ ) ” इनकी प्रेरणा से हरियाणा प्रांत में सिध्दांत तीर्थ का निमार्ण हुआ है “
त्रिसंयोगीस्थान प्ररूपणा Particular representation of different karmic nature. कर्म प्रकृतियों का उदय आदि की अपेक्षा विशेष निरुपण। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
एकफालक Single piece clothed, Loin clothed ascetics. एक कोपीन धारण करने वाले ऐलक एंव एक साड़ी धारण करने वाली आर्यिका।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकालापक A type of entertainment, one answer for two questions. मनोरंजन का एक प्रकार, दो प्रशनों का एक ही उत्तर मांगना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्णिकाय Four types of deities. भवनवासी, व्यन्तर , ज्योतिश्का , वैमानिक इन ४ निकायों के देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]