वेत्रासन!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेत्रासन –Vetrasana Shape of lower world (like drum with narrow middle part) मुढे के समान अधोलोक का आकार “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेत्रासन –Vetrasana Shape of lower world (like drum with narrow middle part) मुढे के समान अधोलोक का आकार “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == धर्मध्यान : == ध्यानोपरमेऽपि मुनि:, नित्यमनित्यादिभावनापरम:। भवति सुभावितचित्त:, धर्मध्यानेन य: पूर्वम्।। —समणसुत्त : ५०५ मोक्षार्थी मुनि सर्वप्रथम धर्मध्यान द्वारा अपने चित्त को सुभावित करे। बाद में धर्मध्यान से उपरत होने पर भी सदा अनित्य—अशरण आदि भावनाओं के चिंतवन में लीन रहे।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म नारकी – Nokarma Naarakee. Nokarma dravyas causing hellish realm. पाश, पंजर, यंत्र आदि नोकर्म द्रव्य जो नारकभाव की उत्पत्ति में कारण भूत होते है, नोकर्म द्रव्य नारकी हैं
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतझड :Autumn(time of decay) cause for the worldly disattachment of Lord Suparshvanath & Shreyansnath. भगवान सुपाश्र्वनाथ एवं श्रेयांसनाथ के वैराग्य का कारणं।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलवर्ण–Mula Varna. The basic 64 syllables. मूल64 अक्षर जो अनादि से जिनागम में प्रसिद्ध है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वणिक् कर्म – Vanik Karma: Business activities. मन,वचन,काय तीनों के व्यापार में प्रवृत्ति होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैसर्प – Naisarpa. One of 9 treasures of Chakravarti (an emperor) to provide palace, temple etc. चक्रवर्ती की नव निधियों में एक निधि ” जो अनेक प्रकार के मंदिर या भवन निर्माण करती है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पज्जुण्णचरिउ: Name of a book written by Kavisingh. ई0 श0 12 के अन्तपाद मे कवि सिंह क्षरा प्रधुम्न चरित्र विषयक रचित एक ग्रंथ ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशाखाभूति – Vishakhabhuti. The younger brother of king Vishvabhuti who became ultimately a heavenly deity. राजग्रह नगरी के राजा विश्वभुती का छोटा भाई, पिता के दीक्षा लेने पर स्वयं ने भी दीक्षा लि और मरकर स्वर्ग में देव, स्वर्ग से आकर विजय नामक बलभद्र हुआ “