भोग निदान!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग निदान:Longing for all luxurious worldly pleasures. परलोक में भोग विलास की उत्तम सामग्री मिले ऐसी आकांक्षा करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग निदान:Longing for all luxurious worldly pleasures. परलोक में भोग विलास की उत्तम सामग्री मिले ऐसी आकांक्षा करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिक प्रतिक्रमण – रात्रि में हुए दोशों का जो प्रतिक्रमण प्रात सामायिक से पूर्व किया जाता है वह रावित्रक प्रतिक्रमण कहलाता है। Ratrika Pratikarmana- penitential retreat, an observation of Jaina saints pertaining to night infraction
गारव Pride, Arrogance. गर्व या बड़प्पन होना ;यह तीन प्रकार का है- ऋद्धि गारव , रस गारव , सात गारव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोधचरित्र – वादिराज द्वि ई 1010 – 1065 कृत, कवि पùनाथ ई 1405 – 1425 कृत, सकलकीर्ति ई 1406 – 1442 आदि विद्वानो द्वारा इस विशय के कइ ग्रन्थ रचे गए है। Yasodharacaritra-A character portrayal by many writers
गिरिशिखर A city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्ध पर्वत की उत्तर दिशा का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्रोपयोग–Mishropyoga. Involvement in delusive & non–delusive (pure) nature knowledge. राग व वीतरागता रूप परिणत उपयोग की प्रवृत्ति”
गुणव्रत Vows which increase virtues. गुणों को बढाने वाले तथा अणुव्रतों का उपकार करने वाले व्रत , दिग्व्रत , देशव्रत , अनर्थदण्डव्रत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघरथ– Meghrath. Past birth name of Lord Shantinath. पुष्कलावती देश में पुण्डरीकिणी नगरी के राजा घनरथ का पुत्र जो शांतिनाथ भगवान् के पूर्व का दूसरा भाव है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिर्वाणसाधनाक्रिया – गर्भान्वय की एक क्रिया, अन्तिम अवस्था प्राप्त हो जाने पर साधु द्वारा षरीर आहारदि से ममत्व छोडकर पंचपरमंेही का ध्यान करना। Yoganirvana Sadhana Kriya-Aversion from the life for getting salvation, an auspicious activity
गति-अगति(सामान्य) Probability of getting any body form (Gati) by transmigration. किस स्थान से नारकर किस गति में जीव उत्पन्न हो सकता है और किसमें नहीं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]