जघन्य विभक्ति!
जघन्य विभक्ति See – Jaghanya Pada. देखें- जघन्यपद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्सेवी A fault of criticism. आलोचना का एक अतिचार। बडे प्रायश्चित से बचने हेतु पाश्र्वस्थ मुनि का गुरू के पास न जाकर पाश्र्वस्थ मुनि के पास अपने दोष कहना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मवत्: Name of an area of Videh Kshetra (region), Name of summit and deity of Vasshargiri. विदेह स्थित एक क्षेत्र एवं वक्षारगिरि का कूट व देव का नाम।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव संग्रह – Bhava Samgraha. A book written by Acharya Devasen. आचार्य देवसेन (वि. १००५) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
जघन्य योगस्थान Lowest grade of vibratory activity of soul. स्थान प्ररूपणा के अनुसार श्रेणि के असंख्यातवें भाग मात्र जो असंख्यात स्पर्धक हैं उनका एक जघन्य योग स्थान होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सव्यभिचार – Savyabhichaara. A vallacy causing both favour & opposition, an inconclusive fallacy. एक हेत्वाभास । पक्ष व विपक्ष दोनों को स्पर्ष करने वाला हेतु । यह साधारण, असाधारण व अनुपसंहारी तीन प्रकार का होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मप्रभनाथ: Namme of the 6th Tirthankar (Jaina-Lord). वर्तमान छठे तीर्थकर का नाम । आप महाराजा धरणराज एवं महारानी सुसीमा के पुत्र थें आपका जन्म कार्तिक कृ0 13 एवं मोक्ष फाल्गुन कृ0 4 को हुआ । आपका वर्ण क्षत्रिय, वंश- इक्ष्वाकु, देहवर्ण-पùरागमणि सदुश, चिन्ह-लाल कमल एवं आयु-तीस लाख पूर्व वर्ष थी । आपकी जन्मभूमि कोशाम्बी…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर – Bhaskara. Rediant, shining, The Sun, Name of a literary person. दैदीप्यवान, प्रकाशवान, सूर्य , एक मीमांसा दर्शन के साहित्य प्रवर्तक जिन्होंने जैमिनी सूत्र पर अर्थसंग्रह नामक टीका लिखी “
जघन्य अंतरात्मा Beings with right faith but not observing vows. तत्त्व श्रद्धा के सात्घ व्रतों को न रखने वाले अविरत सम्यग्दृष्टि जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्प्रतियोगी knowledge of relative imagination of matters or anything else. यह प्रदेश उस प्रदेश से दूर है इस प्रकार का ज्ञान तत्प्रतियोगी नाम का प्रत्यभिज्ञान कहलाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]