णेमिणाहचरिउ!
णेमिणाहचरिउ A book written by Acharya Amarkirti. आचार्य अमरकीर्ति (ई.सन् 1187) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
णेमिणाहचरिउ A book written by Acharya Amarkirti. आचार्य अमरकीर्ति (ई.सन् 1187) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकल विहारी समाचारी One who makes conduct of solitary walking. वह साधु (जिनकल्पी साधु) जो एकल विहार का आचरण करता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकविध अवग्रह Single way apprehension. एक प्रकार के अथवा एक जाति के, एक या अनेक पदार्थों को जानना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राहू – ज्यातिश के मुख्य 9 ग्रहो में 8 वां ग्रह जन्मकुंडली में राहु ग्रह से अनिश्ट होने पर उसके निवारण हेतू भगवान नेमिनाथ की उमासना की जाती है। Rahu-An astrological planet
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूपाल – Bhupala. Name of a king of Bharat Ksgetra (region). सुभौम चक्रवर्ती के तीसरे पूर्वभव का जीव जिसने युध्द में मानभंग होने से दीक्षा लेकर चक्रवर्ती पद का निदान किया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ल्क्षण निमित्तज्ञान – अश्टांग निमित ज्ञान का छठा अंग, षारिरिक चिन्ह देखकर मनुश्य के ऐष्वर्य व दरिद्री आदि का ज्ञान होना। Laksana Nimittajnana-A type of knowledge gained through different marks of the body
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवाह क्रिया – Vivaha Kriya. An auspicious activity- marriage according to tradition. गर्भान्वय की ५३ क्रियाओं में १७ वीं क्रिया; सिध्द पूजन व तीन अप्रिय की विधिपूर्वक पूजन करते हुए, अगिन प्रदक्षिणा देते हुए परिवार व समाज की साक्षी में सजाति कुलीन कन्या का पाणिग्रहण करना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संसार : == धिक् संसारं यत्र, युवा परमरूपर्गिवतक:। मृत्वा जायते, कृमिस्तत्रैव कलेवरे निजके।। —समणसुत्त : ५११ इस संसार को धिक्कार है, जहाँ परम रूप-र्गिवत युवक मृत्यु के बाद अपने उसी त्यक्त मृत शरीर में कृमि के रूप में उत्पन्न हो जाता है। न नास्तीहावकाशो, लोके बालाग्रकोटिमात्रोऽपि। जन्ममरणबाधा, अनेकशो…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव निक्षेप – Bhava Niksepa. Appropriate establishment of meaning for something. निक्षेप का एक भेद; वर्तमान पर्याय से युक्त द्रव्य ” जैसे- सेवा करने वाले को सेवक कहना “