धर्मरसिक!
धर्मरसिक Name of a book written on lustral anointment of Lord idols. पंचामृत अभिषेक आदि पर रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मरसिक Name of a book written on lustral anointment of Lord idols. पंचामृत अभिषेक आदि पर रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चयधन Sum of common differences. सर्व स्थानों में जो-जो चय बढ़े उन सब चयों का जोड़ जो प्रमाण हो ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थान लाभ क्रिया – Sthana laabha Kriyaa. An auspicious procedural activity of initiation of one as a shravak.दीक्षान्वय की 48 क्रियाओ मे तीसरी क्रिया है। इसमे किसी पवित्र स्थान मे अष्टदल कमल अथवा समवषरण की रचना करके उपवासी को प्रतिमा के सम्मुख बैठाकर आचार्य उसके मस्तक का स्पर्श करता है और पंच नमस्कार मंत्र…
धर्मपाल Name of a Bauddha philosopher. नालन्दा विश्वविद्यालय के आचार्य एक बौद्ध नैयायिक थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चतुर्दिक मुखदर्शन Four sided face-a supernatural bliss of Lord Arihant. अर्हंत भगवान का केवलज्ञान का एक अतिशय ; सबकी ओर मुख करके स्थित होना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव उद्योतन – Samyaktva Udyotana. Right enlightenment. सम्यक्तवाराधना। शंकादि दोषो से रहित निर्दोष सम्यग्दर्षन की प्राप्ति होना।
धर्म अवर्णवाद Wrong or ill speaking about right religion. जिनेंद्र कथित अहिंसा धर्म में झूठे दोष लगाना, धर्म की निंदा करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चिरकाल स्थायी Steady for infinite time. अनंतकाल तक स्थाई रहने वाली जैसे , स्वभाव द्रव्य व्यंजन पर्याय ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मान – Sammaana. Respect, reverence, honour. आदर, विनय। व्रतादि से यंुक्त साधु, आर्यिका एवं बड़े जनेा का यथायोग्य विनय-सम्मान करना।
धम्मरसायण A book written by a saint, Padmanandiji. मुनि पद्मनन्दि (ई.977) कृत का ग्रंथ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]