नेमिप्रभु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिप्रभु – Nemiprabhu. Name of the 16th Tirthankar (jaina laord) situated in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र विद्यमान 20 तीर्थंकरों में 16 वें तीर्थंकर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिप्रभु – Nemiprabhu. Name of the 16th Tirthankar (jaina laord) situated in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र विद्यमान 20 तीर्थंकरों में 16 वें तीर्थंकर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीर्ष प्रहेलिका – Sheersha Prahelikaa. A type of time unit. काल का एक प्रमाण; लता, प्रयुत, महाऊह या शीर्षप्रहेलिका “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नील लेश्या – Neela Leshyaa. Blue thought colouration or aura (related to worldly Passions). अशुभ भाव जो तीव्र कषय से हो; अतिलोभ, चपलता, अनृत भाषण, माया, तृष्णा, परवंचना, आलस्य, मूर्खता आदि नील लेश्या के लक्षण है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंद्रिका–Yashastilakchandrika. Name of a commentary book. सोमदेवकृत यशस्तिलक चम्पू की श्रुतसागर (ई. 1480–1499) कृत एक संस्कृत टीका”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग स्तोत्र –VitaragaStotra. Name of a Sanskrit spiritual hymn. एक आध्यात्मिक संस्क्रत स्तोत्र ” शिवं शुध्द बुध्दं …………. चिदानंद रूपं णमो वितरागं “
शिल्पकर्म – Shipakarma. Handicraft, Architecture, Having to do with craft. भगवान ऋषभदेव द्वारा बताये गए षट कर्मों में एक; हस्त कौशल से जीविकोपार्जन करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्ति (नवधा) – Bhakti (Navadha). A procedural food offering to Jaina saints (see-Navadha Bhakti), A virtue of food –doner. विधि से अर्थात दाता के सात गुण सहित क्रिया के द्वारा नवधा भक्तिपूर्वक दिगम्बर जैन साधुओं को आहार देना (देखें –नवधा भक्ति) ” आहारदाता के ७ गुणों में एक गुण; पात्र के प्रति…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंतरदेव –Vyaintaradeva. Peripatetic deities ( Bhoot, Pishach etc.). किन्नर, किम्पुरुष, महोरग, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, भुत और पिशाच ये ८ प्रकार के व्यंतर देव कहलाते हैं ” ये वैकिर्यिक शरीर के धारी होते हैं एवं इनके असंख्य भवनों में जिनमंदिर होते हैं “