ऋजुवाक्कृतार्थज्ञ!
ऋजुवाक्कृतार्थज्ञ One having telepathic knowledge (Manah Prayay Gyan) related to utterances. वचन के द्वारा किये जाने वालेू कार्य को ऋजुमति मनःपर्यय ज्ञान के द्वारा जानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऋजुवाक्कृतार्थज्ञ One having telepathic knowledge (Manah Prayay Gyan) related to utterances. वचन के द्वारा किये जाने वालेू कार्य को ऋजुमति मनःपर्यय ज्ञान के द्वारा जानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधुसेन – Saadhusena. The 38th chief disciple of Lord Rishabhnath. तीर्थकर ऋषभनाथ के 38 वें गणधर ।
एक क्षेत्रावगाह Occupency of matters (at a common space), A relation of togetherness. एक- संबंध – एक स्थान पर साथ रहने वाले द्रव्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ सत्य:Ultimate truth, Transcendental realm of truth. अंतिम सत्य, परम सत्य ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधक श्रावक – Saadhaka Shraavaka. A type of householder (votary) who renounces all the attachments (from body, food etc.) for holy death (samadhi). श्रावक के तीन भेदो मे एक भेद। जो श्रावक जीवन के अंत मे शरीर, आहार आदि से ममत्व छोड़कर आत्म शुद्वि के लिए समाधिमरण की साधना करता है। उत्कृष्ट श्रावक के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सात स्वप्न – Saata Svapna. Seven dreams (seen by Narayan’s mother and by king shreyans). नारायण की माता के 7 स्वप्न- सूर्य, चन्द्रमा, दिग्गजों द्वारा लक्ष्मी का अभिषेक, आकाश से नीचे आता विमान, दैदीप्यमान अग्नि, रत्न राषि, मुख मे प्रवेष करता सिंह। राजा श्रेयांस के 7 स्वप्न- सुमेरु पर्वत, आभूषण से सुशेभित कल्पवृक्ष, किनारा…
तीर्थकाल Governing era (discipline period) of Lord. तीर्थकरों का शासन वर्तमान में महावीर स्वामी का तीर्थकाल चल रहा है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ऊर्ध्वलोक Upper world, Celestial world. लोक के तीन भेदों में एक भेद जहाँ स्वर्गो की रचना है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दान Donation. स्व- पर के उपकार के लिए आहार, औषध, ज्ञान व अभय आदि दूसरों को प्रदान करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]