सुवक्त्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवक्त्र – Suvaktra. One with beautiful face, Name of a vidyadhar king. सुन्दर मुखवाला, एक विद्याधर यह विनमि का वंषज था । विद्युन्मुख का पुत्र और विद्युददंष्ट्र का पिता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवक्त्र – Suvaktra. One with beautiful face, Name of a vidyadhar king. सुन्दर मुखवाला, एक विद्याधर यह विनमि का वंषज था । विद्युन्मुख का पुत्र और विद्युददंष्ट्र का पिता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरतिचारता – Niratichaarataa. State of faultiessness, state of non-transgression, Non- Violation. निरतिचार या निर्दोषताका भाव निरतिचारता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नकंबल – रत्नों से बना एक कंबल। उज्जैन की सेठानी यषोभद्रा ने अपने पु़त्र सुकुमाल की पत्नियों के लिए रत्नकंबल खरीदा और पुत्र वधुओं के लिए उसकी जूतिया बनवायी। देंखें – सुकुमाल चरित्र Ratnakambala-Blanket of jewels
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोक विचय – Lok Vishya:. Contemplation about the shape of Teen Lok (Three world), Madhya Lok(middle world) etc. तीन लोक के आकार का ,मध्यलोक के आकारादि का चिंतन लोक विषय धर्मध्यान कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगस्थान – योगषक्ति परिणमन के दर्जे इसके उपपाद एकांतानुवृद्धि परिणामयोग तीन भेद है। Yogasthana-The different grades of activities related to mind, speech & body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमुखी – Sumukhee. A beautiful lady, Name of the 49 th city in the south of Vijayardha mountain. सुन्दर मुख वाली स्त्री, विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी की 49 वीं नगरी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिणामिक ॠध्दि – Parinamika Rddhi. A type of supernatural power. बुध्दिॠध्दि के १८ भेदों में १५वें भेद अष्टांग महानिमित्त के तीन भेदों में तीसरा भेद- जिसके प्रभाव से निज- निज जाति विशेषों में बुध्दि उत्पन्न होती है (धवला पुस्तक ९ से) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लज्जा – षर्म, अंतकरण की वह भावना जिसके कारण दूसरों के सामने वृत्तियां संकुचित हो जाती है। Lajja-Sense of decency or modesty, shame
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकनाभी – Loknaabhi.: The another name of Sumeru mountain which is situated in centre of all three Loks as the navel. सुमेरु पर्वत का एक अपरनाम क्योंकि ये नाभि के समान तीन लोक के बीच (मध्यलोक )में स्थित है “