भाव प्रत्याख्यान!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रत्याख्यान – Bhava Pratyakhyana. Internally renunciation of inauspicious deeds. अशुभ परिणामों का मैं त्याग करूंगा ऐसा संकल्प करना भाव प्रत्याख्यान है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रत्याख्यान – Bhava Pratyakhyana. Internally renunciation of inauspicious deeds. अशुभ परिणामों का मैं त्याग करूंगा ऐसा संकल्प करना भाव प्रत्याख्यान है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्रानुभाव–Mishraanubhav. A type of mixed dispositions (virtuous & vicious). शुद्धोप्योग एवं शुभोपयोग मिश्रित या शुभ–अशुभोपयोग रूप मिश्रित संवेदन”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्नान – Snaana. To take bath (it is restricted for Jaina Saints as a basic restraint).शरीर की शुद्वि के लिए जल से नहाया। साधुओ का अस्नान नामक मूलगुण होता है।
उदय Rising (of Sun etc.), Fruition (of Karmas), Name of the 19th planet सूर्य का उदित होना द्रव्यो क्षेत्र काल भाव के अनुरूप कर्मों के फल का प्राप्तn होना ८८ ग्रहों में १९ वाँ ग्रह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य आश्रम – Brahmacarya Asrama. Life span of celibacy. चार आश्रमों में एक आश्रम; बाल्यावस्था से युवा होने तक ब्रह्मचर्य पालते हुए विधा का अभ्यास करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल – Sthuula. State of grossness.मोटा, बड़ा स्कंध के 6 भेदो मे प्रथम भेद जो छेदन भेदन करने पर स्वंय जुड़ जाते है ऐसे धी, तेल, पानी आदि स्थूल स्कंध कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नराषि – चमकते हुए रत्नो का ढेर जो कि तीर्थकर की माता कांे 15 स्वप्न के रूप् मे दिखाई देते है जिसका अर्थ पुत्र गुणों की खान होगा। Ratnarasi- Sparkling jewels (the 15th dream mark of lord’s mother)
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विषयासक्त : == अंधादयं महानन्धो विषयान्धीकृतेक्षण:। —आत्मानुशासन : ३५ विषयांध व्यक्ति अंधों में सबसे बड़ा अंधा है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति तप – Sthiti Tapa. A type of austerity.कायक्लेश तप का एक भेद।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयचक्र यंत्र – एक यंत्र, जिस पर रत्नत्रय चक्र के मंत्र विभिन्न रेखाकृतिया बनाकर चित्रित किए जाते है। Ratnatrayacakra Yantra-A type of metallic engravd with some auspicious mystic words & diagrams