मंगल (ज्योतिषलोक)!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगल (ज्योतिषलोक): Name of space vehicle, Name of the 83rd planet. मध्य लोक से 897 योजन ऊपर जाकर ज्योतिष लोक में स्थित एक विमान, ज्योतिष के 88 ग्रहों में 83वां ग्रह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगल (ज्योतिषलोक): Name of space vehicle, Name of the 83rd planet. मध्य लोक से 897 योजन ऊपर जाकर ज्योतिष लोक में स्थित एक विमान, ज्योतिष के 88 ग्रहों में 83वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रिट्ठणेमिचरिउ – कवि स्वंयंभु कृत भगवान नेमिनाथ का जीवन वृत्त।18000 ष्लोक प्रमाण अपभ्रंष काव्य। Ritthanemicariu-Name of a religious book written by a poet Svayambhu
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विग्रहगति – Vigrahagati.: Transmigratory motion of a soul. एक शरीर को छोड़कर नवीन शरीर ग्रहण करने को जीव जो गमन करता है वह विग्रहगति है “यह दो प्रकार की होती है (1) मोड़े रहित (2) मोड़े सहित अर्थात कुटिल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नमुक्तावली व्रत – एक व्रत इसमे 343 दिन मे 284 उपवास एवं 59 पारणाए की जाती है Ratnamuktavali Vrata- A particular kind of procedural vow of 284 fasting and 59 food taking days (parnas)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकिरंत- Vikiranta.: Dispersing the yellow rice grains while worshipping. पुष्पांजलि बिखेरना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ल – देवनागरी लिपि का अट्ठाईसवां व्यंजन इसका उच्चारण स्थान दंत है। La-The 28th consonant of Devanagari syllabary ल – लक्ष एक लाख की सहनहानी। La- a symbol for one hundred thousand
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विंशति – Vinshati.: Twenty. 20;कषाय व लेश्या की अपेक्षा आयुबंध के 20 स्थान, 20 प्ररुपणा, विदेह क्षेत्र में विद्यमान 20 तीर्थंकर आदि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बोधितबुद्ध – Bodhitabuddha. One enlightened with knowledge gained through others. जिनको परोपदेश पूर्वक ज्ञान की प्राप्ति होती है वे बोधित बुद्ध कहलाते हैं “
घनवात Atmosphere. वायुमण्डल , लोक को वेष्टित करने वाले तीन वातवलयों में द्वितीय वलय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भौमनिमित्तज्ञान:A type of super natural knowledge pertaining to the earthly treasures. अष्टांग निमित्तज्ञान का एक अंग; इससे पृथ्वी के स्थान आदि के भेद से हानि, वृधि तथा पृथ्वी के भीतर रखे हुए रत्न आदि का पता लगाया जाता है “