मोहन!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोहन–Mohan. A king of Rakshas dynasty, A power attracting others, Charm. राक्षस वंशी एक विघाधर राजा एक विद्याशास्त्र–जो व्यक्ति को मुग्ध कर्ता है, आकर्षण”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोहन–Mohan. A king of Rakshas dynasty, A power attracting others, Charm. राक्षस वंशी एक विघाधर राजा एक विद्याशास्त्र–जो व्यक्ति को मुग्ध कर्ता है, आकर्षण”
गुणधर Name of an Acharya. एक आचार्य , लोहाचार्य के शिष्य (ई.श. १ पूर्वपाद), जिन्होंने कषायपाहुड ग्रन्थ की रचना की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]] ==आचार्य श्रीगुणधरदेव का विशेष परिचय == left”200px”]] श्रुतधर आचार्यों की परम्परा में सर्वप्रथम आचार्य कौन हैं ? ऐसा प्रश्न होने पर इतिहासकारों ने बड़े आदर से महान आचार्यश्री गुणधर देव का नाम लिया है।…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगाकांक्षा:Longing for enjoyment. भोग करने की इच्छा होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योनिभूत बीज – जिस बीज में जलादि का निमित्त पाकर जीव आकार पैदा हो सके। अथवा जिस जीव में उगने की षक्ति अर्थात सहित होने की षक्ति हो। Yonibhuta Bija-Seed germination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मीकूट – षिखरी कुलाचल का छठा कूट। Laksmikuta-The 6th summit of Shikhari Kulachal (mountain)
गर्भकल्याणक An auspicious event (celebration of state of conception of Tirthankar – Jaina Lord). भगवान के पांच कल्याणकों में एक अर्थात् भगवान् का गर्भ में आना. इस समय भगवान की माता १६ स्वप्न देखती हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौर्य–मौण्डेय–Maurye–Maundey. The 5th& 6th chief disciples of Lord Mahavira. तीर्थंकर महावीर के 5वे एवं छठे गणधर का नाम”
गार्हपत्य A sacred fire. अग्निकुमार देव के मुकुट से उत्पन्न हुई तीन प्रकार की अग्नियों में से एक अग्नि, जो तीर्थंकर के निर्वाणोत्सव में तीर्थंकर के शरीर का संस्कार करके पूजा का अंग होकर पवित्र मानी जाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वभाव प्रज्ञापन नय – Poorvabhaava Pragyaapana Naya. See – Poorva Pragyaapana Naya. देखें – पूर्व प्रज्ञापन नय “