पंचगुरु भक्ति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचगुरु भक्ति – Panchaguru Bhakti. A type of devotional prayer. 10 भक्तियों में पूज्यपाद कृत एक भक्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचगुरु भक्ति – Panchaguru Bhakti. A type of devotional prayer. 10 भक्तियों में पूज्यपाद कृत एक भक्ति “
द्वेषोदय Fruition of Karmas related to anger, malice etc. क्रोधादि द्वेष प्रकृतियों का उदय।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोक्षशास्त्र–Mokshshastr. Name of a treatise written by Acharya Umasvami. आचार्य उमास्वामी (ई.स. 179–243) कृत एक ग्रंथ का नाम” यह जैनधर्म का सारभूत ग्रंथ है और इस पर अनेक आचार्यो द्वारा अनेक टीकाएं लिखी गई”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्य – Bhavya. Splendid, Magnificent, one who is supposed to get salvation. जिसमें सम्यग्दर्शन आदि भाव प्रकट होने की योग्यता है वह जीव “
द्विरद An elephant; The first of the 16 dreams which was seen by the mother of Tirthankar (Jaina-Lord) at the time of Garbhakalyanak. हाथी तीर्थंकर की माता द्वारा गर्भावस्था में देखें गये 16 स्वप्नों में प्रथम स्वप्न।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूर – Soora. A great warrior, Name of a country of Bharat Kshetra Arya Khand (region), Name of a kind of Hari dynasty. शौर्य गूण से सहित अर्थात् समर्थ को सूर कहते है, भरत क्षेत्र के आर्य खण्ड का एक देश, हरिवंशी एक राजा, जिनकी रानी सुरसुन्दरी थी तथा इनके पुत्र राजा अन्धकवृष्टि थे…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेना – Venaa. Name of a river of Bharat KshetraAryakhand (region) भरतक्षेत्र के आर्यखंड की एक नदी “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविष्यत् ज्ञायक शरीर – Bhavisyat Gnayaka Sarira. A predestined prophet, one having the knowl-edge of future events. जो तत्वज्ञान को जानने वाला आगे होगा वह भविष्यत् ज्ञायक शरीर है “