छन्दोबिंदु!
छन्दोबिंदु A prosody written by Nagvarm. नामवर्ग (ई. सन् ९९०) द्वारा रचित एक छंदशास्त्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छन्दोबिंदु A prosody written by Nagvarm. नामवर्ग (ई. सन् ९९०) द्वारा रचित एक छंदशास्त्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिभुवनचूडामणि Two Siddhayatana summits of Bhadrashal forest. भद्रशाल वन में स्थित दो सिद्धायतन कूट। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उद्दिष्ट Intended, Purposeful, With motive. जिसका विचार किया हो उद्देश्य बंधा हो नियत की हुई हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैलघन श्रोता – Shailaghana Shrotaa. A type of unwise or imprudent listener. 14 प्रकार के श्रोताओं में एक भेद; जिनके परिणाम हमेशा कठोर रहते हैं तथा जिनके ह्रदय में समझाये जाने पर भी जिनवाणी रो जल का प्रवेश नहीं होता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पंर्धक – Spardhaka. Group of aggregates of karmic molecules.वर्गणाओ के समूह को स्पंर्धक कहते है।
आलुंच्छन A form of self criticism. आलोचना के 4 स्वरूपों में एक भेद- कर्मरूपी वृक्ष का मूल छेदने में समर्थ ऐसा समभावरूप स्वाधीन निज परिणाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शेषवत अनुमान – Sheshvata Anumaan. Right anticipation of something by only partial observation of it . एक अवयव को देखने पर भी शेष अनेक अवयवों सहित सम्पूर्ण वास्तु का ज्ञान होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर हृदय – Sthira Hydaya. Stable mind, name of a deity resident of ank summit of western kundalgiri.चित्त को निश्चल रखना अर्थात् आत्मस्थिरता या समता भाव, सामायिक।
देव भवन Abode of deities. चारों निकायों के देवों के भवन (प्रत्येक भवनों में जिनमंदिर होते हैं)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यम(लोकपाल)–Yam (Lokapala). Name of Vidhyadhar. कालाग्रि विधाधर का पुत्र, इंद्र द्वारा इसको किष्कुपुर का लोकपाल बनाया गया था” अन्त में यह रावण द्वारा हराया गया”