डामर!
डामर The father’s name of Lord Parshvanath (of past birth), Agitation. पाश्र्वनाथ भगवान के पूर्वभव के पिता का नाम , अहंकार । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
डामर The father’s name of Lord Parshvanath (of past birth), Agitation. पाश्र्वनाथ भगवान के पूर्वभव के पिता का नाम , अहंकार । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिवा मैथुन त्याग Renouncement of sensual enjoyment during day time (6th model stage of householders). श्रावक की 11 प्रतिमाओं में छठी प्रतिमा दिन में मैथुन सम्बन्धी चेष्टा का त्याग करना (कहीं इस प्रतिमा का नाम रात्रिभुक्ति त्याग भी है)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तत्वदीपिका A book written by Acharya Bramadeva. आचासर्य ब्रह्ममदेव (वि.श.12 पूर्व) द्वारा संस्कृत भाषा में रचित आध्यात्मिक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव नमस्कार – Bhava Namaskara. Psychical reverence or adoration for Lord Arihant. मन के द्वारा पंचपरमेंष्ठी के गुणों का स्मरण करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वार्थसिद्धा – Sarvaarthasiddhaa. A super power possessed by Vidyadhars Nami, Vinami. एक विद्या । परमकल्याण रूप, मंत्रों से परिष्कृत विद्याबल से युक्त और सभी का हित करने वाली यह विद्या धरणेन्द्र ने नमि और विनमि विद्याधर को दी थी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रेशन्दीगिरि तीर्थ – मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में अवस्थित एक सिद्ध क्षेत्र जहां से वरदत्त आदि मुनि मोक्ष पधारे। इस क्षेत्र का दूसरा नाम नैनागिरी भी है। Resandigiri (Tirtha)-Name of a place of pilgrimage (Siddhakshetra) of M. P. It’s another name is nainagiri
तंत्रसिद्धांत Doctrines of mystic formula expressed in the scriptures. सिद्धांत के भेद जो अर्थ सर्व शास्त्रों में अविरूद्धता से माना जाये सर्वतन्त्र सिद्धान्त है एवं जो बात एक शास्त्र में सिद्ध व दूसरे असिद्ध पायी जाये जब वह प्रतितंत्र सिद्धांत होता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रौरव – पहले नरक का तीसरा पटल। Raurava-The 3rd patal (layer) of the first hell
छेदपिंड A book written by Indranandi ji. इन्द्रनंदि (श. १०-११) द्वारा कृत एक यत्याचार विषयक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वर्तुक वन – Sarvartuka Vana. Name of the initiation & omniscience forest of Lord Chandraprabhu. चन्द्रप्रभु भगवान का दीक्षा वन एवं केवलज्ञान वन ।