थानक पंथी / थानकवासी!
थानक पंथी / थानकवासी A shvetambar Jain sect. श्वेताम्बर जैन पंथ, ये प्रतिमा को नहीं पूजते हैं, साधु वस्त्र एंव मुह पर पट्टी रखते हैं । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
थानक पंथी / थानकवासी A shvetambar Jain sect. श्वेताम्बर जैन पंथ, ये प्रतिमा को नहीं पूजते हैं, साधु वस्त्र एंव मुह पर पट्टी रखते हैं । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिवसागर – Shivasaagara. Name of the 2nd pattacharya in the tradition of great Acharya Charitra Chakravarti Shri Shantisagarji, who was the disciple of Acharya Virsagar. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी की परम्परा के द्वितीय पट्टाचार्य एवं प्रथम पट्टाचार्य श्री वीरसागर जी महाराज के प्रमुख शिष्य ” सन 1957 में ये आचार्यपट्ट पर आसीन हुए…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीचगोत्र – Neechagotra. Group of low-caste persons. नीच कुल ” पर की निंदा करने से नीच गोत्र में जन्म होता है “
त्रैकाल्ययोगी The disciple of Golacharyaji. एक आचार्य (ई.920-930) जो गोलाचार्य (ई. 900-920) के शिष्य तथा अभयनंदि (ई.930-950) के गुरू थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरलन देय प्रक्रिया – Viralana Deya Prakriya. Spreading numbers (in the from of 1) and then distributing desired numbers at the place of 1. फैलाना और देना ” किसी संख्या के विरलन का अर्थ फैलाना अर्थात् उस संख्या को एक-एक में अलग-अलग करना ” देय का अर्थ है फैलाये गये अंकों में…
त्रिवलित A fault or religious activities. कायोत्सर्ग का एक अतिचार, वंदना का एक अतिचार , कटि ग्रीवा, मस्तक, आदि पर तीन बल पड़ जाना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्पन्न योगी – Nishpanna Yogi. Absolute meditator, One who is completely engrossed in meditation. पूर्णयोगी पुरुष निर्विकल्प शुद्धात्मा अवस्था में निष्पन्न योगी कहे जाते हैं “
चतुर्दश गुणस्थान Fourteen Gunsthan-stages of spiritual developments. १४ गुणस्थान ; मिथ्यात्व , सासादन , मिश्र , अविरत सम्यग्दृष्टि , देशाविरत , प्रमत्त , अप्रमत्त, अपूर्वकरण , अनुवृत्तिकरण, सूक्ष्म-साम्पराय , उपशांत मोह , क्षीणमोह , संयोगकेवली, आयोगकेवली ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वकुश (साधु )-Vakush (Saadhu).: A type of Jain saints having attachment with articles they are possessing. निर्ग्रन्थ साधु के 5 भेदों में से एक भेद ;जिनके मूलगुण निर्दोष हों किन्तु शरीर ,पिच्छी आदि उपकरणों से जिन्हें मोह हो “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मा – Brahma . Name of a presiding deity of a lunar-Abhijit, Name of a king who gave food first to Lord Ajitnath. अभिजित् नक्षत्र के अधिपति देवता का नाम , एक राजा जिन्होंने तीर्थकर अजितनाथ को प्रथम आहार दिया था “