उष्ण परीषह!
उष्ण परीषह Heat thermal affliction . 22 परीषह में एक परीषह, ग्रीष्मकाल में उपवास आदि के कारण उत्पन्न दाह से पीडि़त होने पर प्रतिकार के बिना समतापूर्वक सहन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उष्ण परीषह Heat thermal affliction . 22 परीषह में एक परीषह, ग्रीष्मकाल में उपवास आदि के कारण उत्पन्न दाह से पीडि़त होने पर प्रतिकार के बिना समतापूर्वक सहन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वल्लिभूमि – Vallibhoomi. The third land of Samavsharan (assembly of Lord). समवशरण की तीसरी भूमि ;अपरनाम लताभूमि ,यह अनेकों क्रीड़ा पर्वतों व वापिकाओं आगि शोभित है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्धमानसागर (आचार्य) – Vardhamaanasagar (Aachaarya).: Name of a Digamber Jain Acharya, the disciple of Acharya Dharmasagar Maharaj in the tradition of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj. चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज की परम्परा के एक वर्तमान आचार्य “इन्होंने सन् 1967 में पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से गृहत्याग…
उत्कट Exceeding the actual measure, Vast, A king of Rakshas dynasty. वास्तविक माप से अधिक राक्षस वंश का एक राजा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रिकापुरी – Bhadrikapuri. Name of the birth place of Lord Shitalnath. दसवें तीर्थकर शीतलनाथ भगवान् की जन्म नगरी का नाम ” इसको भद्दलपुर, भद्रपुरी, भद्रलपुर एंव भदिृलपुर भी कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच इंद्रिय – Panch Indriya. Five sense organs (body, toung, nose, eyes & ears). स्पर्शन, रसना, घ्राण, चक्षु व श्रोत “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दमती (आर्यिका) – Vishuddhamati (Aryika). 1. Name of an Aryika, the disciple of Acharya shri Shivsagar Maharaj oa the tradition of Charitra Shri Shantisagar ji Maharaj. 2. Name of a Ganini Aryika, the disciple of Acharya Nirmalsagar (chhani). 1. चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज की परम्परा के द्वितीय पट्टाचार्य श्री…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बालाचार्य – Balacarya. A designation of aJaina saint (to whom the re- sponsibility of saint group is entrusted). संघाघिपती आचार्य ने जिस शिष्य को अपना पद सोंपा हो और आचार्य के समान जिसका गुणसमुदायहो, वे संघाघिपती आचार्य की समाघि होने से पूर्व तक बालाचार्य कहलाते हैं “
उच्छ्वास निःश्वासप्राण Respiration. 10 प्राणों में एक प्राण शरीर नामकर्म के उदय से प्राप्त श्वासोच्छ्वास की प्रवृत्ति में कारणभूत शक्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]