गंगदेव!
गंगदेव Name of an Acharya possessing knowledge of 10 purvas & 11 angas. एक आचार्य जिनका नाम ‘देव’ था , भद्रबाहु प्रथम के पश्चात् दसवें, ११ अंग व पूर्वधारी हुए थे । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
गंगदेव Name of an Acharya possessing knowledge of 10 purvas & 11 angas. एक आचार्य जिनका नाम ‘देव’ था , भद्रबाहु प्रथम के पश्चात् दसवें, ११ अंग व पूर्वधारी हुए थे । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
आचारांग A part of scriptural knowledge (shrutgyan) containing description about conduct of saints & householdess. जिनवाणी के 12 अंगों में पहला अंग जिसमें मुनि एंव श्रावकों के आचरण का कथन है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रष्मिकलाप – एक हार, यह 54 लडियों का होता है। Rasmikalpa- A kind of wreath with 54 strings
खलीनित An infraction in the meditative relaxation. कायोत्सर्ग का एक अतिचार; लगाम से पीड़ित घोड़ेवत् मुख को हिलाते हुए खड़े होना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसज – दूध आदि रसों में उत्पन्न होते वाले या वीर्य में उत्पन्न होने वाले जीव।जो सेमूच्छन जन्म वाले होते है और नेत्रों से नहीं दिखते है। Rasaja-Invisible micro beings of take birth in liquids
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्वती – Bhasvati. A Vapi (like large lake) in Amra forest of Samavsharana, assembly of Jaina Lord. समवसरण के आम्र वन की एक वापी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगदर्षन – एक दर्षन जो ध्यान धारणा समाधि आदि के द्वारा तत्वों का साक्षात् करने ंका उपाय सुझाता है। Yogadarsana-name of a philosophy
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीकायिक जीव – Prthivikayika Jiva. Earth bodied creature; soul which lives in an earth body. जिस जीव के पृथिवी रूप काय विधमान है उसे पृथिवीकायिक जीव कहते हैं ” जैंसे –पत्थर आदि की खान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिविपला – Prativipalaa. A time unit. काल का एक प्रमाण विशेष ” 60 प्रतिविपलांश = 1 प्रतिविपला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतियोगी – Pratiyogi Counter part, competitor, An opponent. विरोधी, साथी, बराबर वाला “