राजमल्ल सत्यवाक्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजमल्ल सत्यवाक्य – ई 816 – 830 के एक राजा का नाम।इनके राज्यकाल में ही आचार्य विद्यानंदी नं 1 के द्वारा आप्त परीक्षा प्रमाणपरीक्षा युक्त्यानुषासन गं्रथ लिखे गए। Rajamalla Satyavakaya-Name of a king
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजमल्ल सत्यवाक्य – ई 816 – 830 के एक राजा का नाम।इनके राज्यकाल में ही आचार्य विद्यानंदी नं 1 के द्वारा आप्त परीक्षा प्रमाणपरीक्षा युक्त्यानुषासन गं्रथ लिखे गए। Rajamalla Satyavakaya-Name of a king
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाल ब्रह्मचारी – Bala Brahumacari. A celibate from childhood. बालपने से ही ब्रह्मचर्य वृत को पालने वाला “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव ज्ञान – Svabhaava Jnnaana. Self revealing knowledge, natural knowledge. जो इन्द्रिय रहित असहाय केवलज्ञान है वह स्वभाव ज्ञान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्ता (कुंड) – 32 विदेह की 64 नदियो में रक्ता नदी का कुण्ड जो नील व निशध पर्वत के मूल भाग में स्थित है। Rakta (Kumda)-A wide mouthed pool situated in the base part of Neel & Nishadh Mountain
आयुकर्मप्रकृति A karmic nature causing age binding. जिस कर्म के उदय से यह जीव निश्चित समय तक नरक, तिर्यंच, मनुष्य, देवच के शरीर में रूका रहे।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्रतिभास – Svapratibhaasa. Self apprehension.स्वप्रतिभास को केवल दर्शन कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रजस्वला स्त्री – देखे – पुश्यवती स्त्री Rajasvala Stri-Menstrous women
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वनिमित्तक उत्पाद – Svanimittaka Utpaada. Modification or change due to own causes (reg. any matter).स्व के निमित से होने वाला परिणमन; प्रत्येक द्रव्य मे अगुरुलधु गुण का छह स्थान पतित हानि और वृद्वि के द्वारा वर्तन होता रहता है। अतः इनका उत्पाद और व्यय स्वभाव से होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रम्यक क्षेत्र – जम्बुद्वीप के क्षेत्रों मे नील रूक्मि कुलाचल के मघ्य स्थित 5 वां क्षेत्र। यहां मघ्यम योग भूमि रहती है। Ramyaka ksetra-Name of the 5th region of jambudvip (island)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति (ध्रुव – अध्रुव ) – Prakrti (Dhruva –Adhruva). Karmic nature with continuous & non-continu-ous binding. ध्रुव – अध्रुव प्रकृति; बंध व्युच्छित्ति पर्यत जिनका बंध होता रहे वह ध्रुव बंधी तथा जिनका बंध होकर रुक जाता है वह अध्रुव बंधी प्रकृतियां हैं “