सापेक्षता!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापेक्षता – Saapeksata. Relativity. अनेकांत । धर्मो को कथंचित परस्पर में सापेक्ष ग्रहण करना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सापेक्षता – Saapeksata. Relativity. अनेकांत । धर्मो को कथंचित परस्पर में सापेक्ष ग्रहण करना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमेष्ठीसहाय :A book written by a Hindi poet.ई0 श0 19 के मध्यपाद में एक हिन्दी कवि कृत ग्रंथ”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाराधनादर्पण–Mularadhanadarpan. Name of a commentary book written by Pandit Ashadharji on ‘Bhagvati Aradhna’ भगवती आराधना नामक ग्रंथ पर पं. आशाधरजी द्वारा रचित एक टीका”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधारण वनस्पति – Saadhaarana Vanaspati. General vegetation. वनस्पति के दो भेदों में एक भेद । जिस वनस्पति के आश्रित साधारण जीव होते है वह साधारण कहलाती है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ:Highest truth or merit, Release from rebirth, ultimate or transcendental reality.उत्कृष्ट अर्थ, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, लक्षण वाले परमार्थो में जो परम उत्कृष्ट है, ऐसा मोक्ष लक्षण वाला अर्थ परमार्थ कहलाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादि बंध – Saadi Bandha. Rebinding of karmas. जिस कर्म प्रकृति के बन्ध का अभाव होकर पुनः बन्ध होता है वह सादिबन्धी प्रकृति कहलाती है।
दश विकार Ten types of lustful sensual desires of human being. काम के वेग चिंता, स्त्री को देखने की इच्छा , दीर्घनिःश्वास, ज्वर, शरीर का दग्ध होना, भोजन न रूचना , मूर्छा की गोचरी आदि वृत्तियों का वर्णन किया गया है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तीर्थ दर्शन Paying reverence (in direct or indirect way) to place of pilgrimages. संयम की विराधना न करते हुए तत्पर मन से तीर्थ वंदना करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर – Saagara. Ocean, sea, name of the main questioner in the assembly of Lord Ajitnath. समुद्र, मध्यलोक मे द्वीपांे का वेष्टित करते हुए एक के पीछे एक असंख्यात सागर है। तीर्थकर अजितनाथ का मुख्य प्रश्नकर्ता।
उष्माहार One of the figs – a fruit, not edible according to Jain philosophy . देखें-ओजाहार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]