मूल बीज!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूल बीज–Mula Bija. Root – seeds. वनस्पति; जिनका मूल अर्थात् जड़ ही बीज हो (जो जड़ के बोने से उत्पन्न होती है) वे मूल बीज कही जाती है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूल बीज–Mula Bija. Root – seeds. वनस्पति; जिनका मूल अर्थात् जड़ ही बीज हो (जो जड़ के बोने से उत्पन्न होती है) वे मूल बीज कही जाती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रयोगज परिणाम- आदिमान पिरणाम का एक भेद; जो परिणाम बाह्म निमित पर आश्रित हों । जैसे- ज्ञान,शील, भावना आदि का गुरु उपदेष के निमित से होना, अचेतन मिट्टी आद का कुम्हार आदि के प्रयोग से घटरुप परिणमन आदि। PrayogajaParinama- Results of practical experiments (like knowledge gained from preaching etc)
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतित षट्स्थान :A type of declining (related to property of A gurulaghu) अगुरूलघु गुण में होने वाला हानि रूप परिणमनः अनंतभाग हानि, असंख्यातभागहानि, संख्यातभागहानि, संख्यात गुण हानि , असंख्यात गुण हानि, अनंतगुण हानि।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशद – Vishada. Clear, Clean, Spotless, Pure. निर्मल, पवित्र, स्पष्ट ” जो प्रतिभास बिना किसी दूसरे ज्ञान की सहायता से स्वतंत्र व स्पष्ट हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमेयकमलमार्तड- उचाईं मधिक्यनन्दि (ई. 925-1023) कृत परीक्षामुख पर आचार्य प्रमानन्द ( ई. 950-1020) कृत एक टीका। इसकी हिन्दी दिसा गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से उनकी षिश्या आर्यिका श्री जिनमती माताजी ने की है। (समयबीसवीं ससदी का उŸाराद्ध)। Prameyakamalamartanda- A book written by acharyaprabhachand
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पटवि़द्या :A type of knowledge related to antipiosionousness. विषापहारिणी गारूडी विद्या ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौर्यपुत्र–Mauryputra. Name of a chief disciple of Lord Mahavira. भगवान् महावीर के एक गणधर का नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाद प्रत्यय- कर्म बंध के 5 कारणों में एक कारण; षुभ कार्यो में आलस्य करना। PramadaPratyaya- carelessness in auspicious activities
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदक –Vedaka. Sufferer of Karmic results or one who experiences results of Karmas कर्मफल का भोक्ता या अनुभव करने वाला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण संग्रह- आचार्य अकलंक भट्ट (ई. 620-680) कृत एक ग्रंथ। PramanaSamgraha- A book written by Acharya AkalankaBhatta