उद्भव!
उद्भव A king of Yadu dynasty, Origination, Evolution. यदु (यादव) वंश का एक राजा उत्पत्ति रचना स्रोत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्भव A king of Yadu dynasty, Origination, Evolution. यदु (यादव) वंश का एक राजा उत्पत्ति रचना स्रोत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य कषायांश Lowest part of passions. कषाय के जघन्य अंश , जघन्य भाव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्व The 4th Patal (layer) of the 4th hell. चौथे नरक का चौथा पटल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]] या Nature of things, Reality, Elements, Essence, Principle. प्रयोजन भूत वस्तु के स्वभाव को तत्व कहते हैं। जीव, अजीव, आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा, मोक्ष ये 7 तत्व जिनागम में बतपाये गये हैं। पुण्य व पाप को मिलाकर तत्व 9 हो…
जघन्यगुण Matters having one or minimum properties. एक अथवा कम से कम गुण . जैसे की जघन्य गुण वाले परमाणु का बंध नहीं होता . यह एक विशेषणरूपभेद है जिसे कहीं भी घटाया जा सकता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
डामर The father’s name of Lord Parshvanath (of past birth), Agitation. पाश्र्वनाथ भगवान के पूर्वभव के पिता का नाम , अहंकार । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वदीपिका A book written by Acharya Bramadeva. आचासर्य ब्रह्ममदेव (वि.श.12 पूर्व) द्वारा संस्कृत भाषा में रचित आध्यात्मिक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वार्थसिद्धा – Sarvaarthasiddhaa. A super power possessed by Vidyadhars Nami, Vinami. एक विद्या । परमकल्याण रूप, मंत्रों से परिष्कृत विद्याबल से युक्त और सभी का हित करने वाली यह विद्या धरणेन्द्र ने नमि और विनमि विद्याधर को दी थी ।
तंत्रसिद्धांत Doctrines of mystic formula expressed in the scriptures. सिद्धांत के भेद जो अर्थ सर्व शास्त्रों में अविरूद्धता से माना जाये सर्वतन्त्र सिद्धान्त है एवं जो बात एक शास्त्र में सिद्ध व दूसरे असिद्ध पायी जाये जब वह प्रतितंत्र सिद्धांत होता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
छेदपिंड A book written by Indranandi ji. इन्द्रनंदि (श. १०-११) द्वारा कृत एक यत्याचार विषयक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वर्तुक वन – Sarvartuka Vana. Name of the initiation & omniscience forest of Lord Chandraprabhu. चन्द्रप्रभु भगवान का दीक्षा वन एवं केवलज्ञान वन ।